Public Chopra Reading on Makar Sankranti for the first time in 130 years
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130 साल में पहली बार नहीं होगा मकर संक्रांति पर सार्वजनिक चोपड़ा वाचन

बांसवाड़ा, 13 जनवरी ( हि.स.)। चारों तरफ हजारों लोगों की भीड़ और मंच से जयकारों के बीच एक एक करके आती भविष्यवाणी को सुनकर उत्साहित होते भक्त। ऐसा नजारा करीब 130 वर्ष के इतिहास में पहली बार बांसवाड़ा जिले के भूंगड़ा कस्बे में नजर नहीं आएगा जहां हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर आने वाले वर्ष के लिए भविष्यवाणी होती आई है। इस वर्ष कोरोना के कारण जिला प्रशासन ने इतने बड़े आयोजन की स्वीकृति नहीं दी है जिसके कारण इसका आयोजन वर्चुअल तरीके से करने का प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कुपडा गांव के पंड्या परिवार के द्वारा गत चार पीढ़ियों से भूंगड़ा कस्बे में गत 130 साल से मकर संक्रांति पर चोपड़ा वाचन किया जाता आ रहा है जिसमें राजस्थान के अतिरिक्त गुजरात और मध्यप्रदेश से हजारों की संख्या में लोग आते हैं और फसलों, मौसम, उतार चढ़ाव सहित देश विदेश में संभावित गतिविधियों की भविष्यवाणी की जाती है। इस दिन पूरे कस्बे में तिल रखने की जगह नहीं होती और चोपड़ा वाचन के लिए विशेष रूप से बनाए गए मैदान में भी चारों तरफ लोग ही लोग नजर आते हैं। हर व्यक्ति को यह जानने लालसा रहती है कि उसका आने वाला समय कैसा रहेगा और देश तथा विदेश में क्या उठक पठक हो सकती है। प्रशासन की ओर से चोपड़ा वाचन के आयोजन की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद आयोजन समिति ने वर्चुअल माध्यम से इसका आयोजन करने की योजना बनाई है जिसमें चोपड़ा वाचक दक्षेश पंड्या इसका वाचन करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुभाष/संदीप-hindusthansamachar.in

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