online-workshop-on-39expressive-art-therapy39
online-workshop-on-39expressive-art-therapy39

'एक्सप्रेसिव आर्ट थैरेपी' पर ऑनलाइन वर्कशॉप

जयपुर,06 जून(हि.स.)। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) ने रविवार को जूम के माध्यम से किशोरों और युवाओं के लिए 'एक्सप्रेसिव आर्ट थैरेपी' पर एक ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया। इसका संचालन थिएटर आर्टिस्ट डॉ. चिरमी आचार्य ने किया। वर्कशॉप के लिए 80 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों ने तनाव से राहत के लिए बॉडी स्कैनिंग, ओपन-अप करने के लिए बॉडी मूवमेंट्स, दूसरों के साथ बातचीत करना, भावनाओं को मौखिक रूप से प्रस्तुत करना, अपनी दिनचर्या को एक्टिंग के जरिए प्रदर्शित करना और अपने विचारों और भावनाओं को कागज पर प्रस्तुत करना जैसी विभिन्न गतिविधियों का अनुभव किया। ऑनलाइन वर्कशॉप की शुरूआत 'बॉडी स्कैन' सेशन के साथ हुई। इस सेशन में सभी प्रतिभागियों को आंखें बंद करके सिर से पैर तक धीरे-धीरे अपने बॉडी को स्कैन करने के लिए कहा गया। स्कैन के दौरान, उन्होंने अपनी बॉडी में किसी बीमारी, तनाव या परेशानी की जांच की। इससे उन्हें अपने स्वयं के होने का एहसास और दिमाग व शरीर को स्थिर करने में मदद मिली। इसके बाद, प्रतिभागियों ने धीरे-धीरे अपनी बॉडी को ओपन-अप करने के लिए विभिन्न मूवमेंट्स का इस्तेमाल किया। अपने सिर, गर्दन और कंधों से शुरू करते हुए उन्होंने मध्य और निचले शरीर के अंगों के साथ मूवमेंट किया। प्रतिभागियों ने अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी बॉडी में मूवमेंट्स किए। शरीर के फैलाव के लिए एक 'दुपट्टे' का उपयोग किया गया जिससे कि प्रतिभागी अपनी पहुंच और सीमा का दायरा बढ़ा सकें। इसके बाद, प्रशिक्षक ने प्रतिभागियों को अलग-अलग 'ब्रेकआउट रूम्स' में विभाजित किया, जहां 3-4 मेम्बर्स ने बॉडी मूवमेंट्स का उपयोग करके एक-दूसरे को अपना परिचय दिया और चर्चा की कि उन्होंने इस सेशन में क्यों हिस्सा लिया। इसके बाद, प्रतिभागियों ने महामारी के दौरान सुबह से रात तक की अपनी दैनिक दिनचर्या को एक्टिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने सोने, चाय पीने, किताब पढ़ने, घर के काम करने आदि जैसे कार्यों को प्रदर्शित किया। वर्कशॉप का समापन, प्रतिभागियों द्वारा महामारी से पूर्व के समय और वर्तमान समय में आए बदलाव को कागज पर प्रदर्शित करने के साथ हुआ। इस सेशन में प्रतिभागियों ने ड्रांइग के माध्यम से प्रस्तुत किया कि वे अपने दैनिक कार्यों में क्या बदलाव करना चाहते हैं और अपनी भावनाएं प्रस्तुत की जो वे अभी महसूस कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in