जयपुर के लिए अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण, रणनीति बनाकर करें चुनौती का सामना- एसीएस
जयपुर, 17 मई (हि.स.)। जयपुर जिले के प्रभारी सचिव तथा जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट में बैठक लेकर जयपुर जिले में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में कोविड संक्रमण के प्रसार की ताजा स्थिति, इसके प्रबंधन एवं रोकथाम के सम्बन्ध में जिला कलक्टर एवं अन्य अधिकारियों से जानकारी लेते हुए विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को जिले में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम करने की दिशा में प्रयास तेज करने को कहा। पंत ने कहा कि पूरे राज्य में सर्वाधिक संक्रमित जयपुर जिले में हैं। जिले में कोरोना के प्रसार के ग्राफ के जरिए इसके ट्रेंड पर नजर बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि जयपुर के लिए अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण हैं और संबंधित अधिकारी क्षेत्र विशेष में संक्रमण की स्थिति के आधार पर मुकाबले की रणनीति बनाएं। कोरोना की रोकथाम के लिए इसी ट्रेंड के अनुरूप एक्शन लेने होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि रोजाना ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लिए जा रहे आरटीपीसीआर या रेपिड टैस्ट सैम्पल में से पॉजिटिव आ रहे मरीजों के डेटा के आधार पर क्षेत्र या इलाके विशेष की कोरोना संक्रमण पॉजिटिविटी निकाली जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि इस डेटा में सरकारी एवं निजी सभी स्तरों पर हो रही सैम्पलिंग का डेटा शामिल किए जाए। इससे ग्रामीण अथवा शहरी एवं जयपुर शहर में भी अधिक प्रसार वाले स्थान चिन्हित कर संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए। प्रभारी सचिव ने निर्देश दिए कि हर स्थिति में सम्पूर्ण जयपुर जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आईएलआई एवं कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए अगले 10-12 दिन में डोर टू डोर सर्वे का एक दौर पूरा कर लिया जाए। पंत ने शहरी क्षेत्र में हर पीएचसी पर सर्वे टीमों की संख्या दो गुनी करते हुए 12 से 15 टीमें इस कार्य के लिए लगाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि इन सभी सर्वे टीमों की रिपोर्टिंग की पूरी व्यवस्था कर ली गई है और 23 अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में यह सर्वे एसडीओ की निगरानी में किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर