new-samvatsar39s-programs-will-be-indicative-keeping-in-mind-the-corona-protocol
new-samvatsar39s-programs-will-be-indicative-keeping-in-mind-the-corona-protocol

कोरोना प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखकर सांकेतिक होंगे नव संवत्सर के कार्यक्रम

उदयपुर, 07 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के सात दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन सांकेतिक स्तर पर होगा। इस बार कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर ही नव संवत्सर के आयोजनों को सांकेतिक रूप में किया जाएगा। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ प्रदीप कुमावत ने बुधवार को श्रीराम मंदिर, आलोक संस्थान, हिरण मगरी सेक्टर-11 में पत्रकारों को बताया कि अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के पदाधिकारियों ने सीमित संख्या में प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखते हुए श्रीराम मंदिर, आलोक संस्थान में सात दिवसीय आयोजनों की सांकेतिक शुरुआत की। विधिवत घट पूजन और श्रीराम का पूजन कर आह्वान किया गया कि आने वाला राक्षस संवत 2078 मंगलकारी हो और कोरोना का नाश हो। इस अवसर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को विक्रम संवत राष्ट्रीय संवत घोषित करने तथा लोकसभा परिसर में महाराजा विक्रमादित्य की मूर्ति स्थापित करने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर कमलेन्द्र सिंह पंवार, भूपेन्द्र सिंह भाटी, शिवसिंह सोलंकी, राजश्री गांधी, संजीव भारद्वाज, राजेश कंधारी, किशन वाधवानी, मनीष तिवारी, प्रशान्त व्यास, शशांक टांक, प्रतीक कुमावत उपस्थित थे। डाॅ. कुमावत ने कहा कि किसी भी प्रकार के मंचीय कार्यक्रम नहीं होंगे। किसी भी प्रकार की औपचारिकताओं से बचा जायेगा। किसी भी अतिथि का न बुलाकर केवल जनजागरण किया जाएगा। आमजन को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। 8 अप्रैल 2021 को आलोक स्कूल पंचवटी में दोपहर 2.15 बजे हवन व गुड़ी का पूजन किया जाएगा। गुड़ी पड़वा भी चैत्र शुक्ल एकम को प्रारम्भ होता है। गन्ने की फसल पकने के साथ गुड़ बनाने की जो व्यवस्था है उसके आधार पर गुड़ी पड़वा नाम दिया गया है। 9 अप्रैल को भारत विकास परिषद के सहयोग से गवरी चैक में शाम 6 बजे माटी के रंग, रंगोली, शस्त्र पूजन, अखाड़ा प्रदर्शन का आयोजन होगा। इसी तरह 10 अप्रैल को भारत माता पूजन व वन्देमातरम् बजरंग सेना के सहयोग से सूरजपोल पर शाम 6 बजे होगा। 11 अप्रैल को कोरोना वाॅरियर्स सम्मान, पगड़ी सजाओ, पगड़ी सम्मान ऑनलाइन मोड में फतहसागर पर शाम 6 बजे किया जाएगा। इस बार पगड़ी सजाओ प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर भी सभी लोगों के लिए खुली कर दी गई तथा ऑनलाइन सबमिशन के लिए लोगों से अपील की गई है जिसके तहत कोई भी कहीं से भी इस प्रतियोगिता में सम्मिलित हो सकेगा। पारंपरिक वेश और पगड़ी पहनकर कोई भी इसमें सम्मिलित हो सकता है। सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अपना फोटो 9828443007 पर नाम, उम्र के साथ भेज सकेंगे। नाथद्वारा, बोहरा गणेश जी और बैजनाथ महादेव से आने वाली तीनों ज्योति कलश यात्रा इस वर्ष स्थगित कर दी गई है। इनके स्थान पर 12 अप्रैल को केवल सांकेतिक रूप से जगदीश मंदिर से ज्योति लेकर गणगौर घाट पर गंगा आरती में परिवर्तित हो जायेगी जहां पर कोरोना प्रोटोकॉल व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वरुण देव का पूजन किया जाएगा। गंगा आरती करके कोरोना हो विदा 2077, कोरोना हो विदा 2077 के नारों के साथ इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया जायेगा। 13 अप्रैल नव संवत्सर के दिन प्रातः 8 बजे से 10 बजे तक प्रमुख चौराहों पर कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए एक टेबल पर सेनिटाइजर रखकर आमजन को पहले सैनिटाइजर से हाथ साफ करवाए जाएंगे। फिर नीम कौंपलें, मिश्री का प्रसाद वे स्वयं ले सकेंगे और चंदन-रोली का टीका भी स्वयं लगा सकेंगे। नव संवत्सर के अवसर पर 2.50 लाख रुपये की लागत से आरईएमसीएल के सहयोग से 25 हजार मास्क आमजन को वितरित किए जाएंगे। नव संवत्सर के दिन ही शाम 6 बजे दूधतलाई पर श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र से लाई माटी से श्रीराम का दुग्ध के साथ अभिषेक किया जाएगा। आतिशबाजी की जाएगी। लोग अपने-अपने घरों से देख सकेंगे। आमजन को आमंत्रित नहीं किया गया है। यह सांकेतिक होगी। दूधतलाई पर सीढ़ीयों पर विधिवत दीप प्रज्वलन कर नव संवत्सर का स्वागत किया जायेगा। दूधतलाई पर सौम्या एन्टरप्राजेज द्वारा आतिशबाजी प्रायोजित की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in