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मुस्लिम युवकों ने दिया अर्थी को कंधा, पत्नी ने दी मुखाग्नि

-कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम पर एक कोरोना पीड़ित का अंतिम संस्कार कोटा, 18 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी में मानवीय संवेदनायें भी हिल सी गई है। कोटा शहर में एक कोरोना पॉजिटिव रोगी की अचानक मृत्यु हो जाने पर उसके रिश्तेदार कोरोना के खौफ से अंतिम संस्कार करवाने तक नहीं पहुंचे। ऐसे संकट के समय मुस्लिम युवकों ने सामाजिक सदभाव का परिचय देते हुये मृतक पुरषोत्तम शर्मा का हिंदू रीति-रिवाज से अर्थी को कंधा देकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार पूरा करवाया। शहर के किशोरपुरा साजी देहडा क्षेत्र में रहने वाले पुरषोत्तम शर्मा कुछ दिन से बीमार थे। वे पत्नी ममता शर्मा के साथ रहते थे। सोमवार को उनकी स्थिति अचानक ज्यादा गंभीर हो गई, जिससे डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा सके। वार्ड पार्षद सलीना शेरी को यह सूचना मिली तो उन्होने वार्ड प्रतिनिधि अपने छोटे भाई साहिल शेरी की मदद ली। साहिल अपने दोस्तों के साथ शर्मा के घर पहुंचे तो वहां पुरूषोत्तम शर्मा की धर्मपत्नी ने रोते हुये अंतिम संस्कार करवाने के लिये मदद मांगी। घर में वो अकेली थी, कोरोना से मौत होने की सूचना मिलने के बावजूद कोई भी रिश्तेदार वहां नहीं पहुंचे। बस्ती के मुस्लिम युवकों साहिल शेरी, शाहिद अली, मोहम्मद फरीद, जहीर खान, जाकिर भाई, शाहरूख, सलीम अब्बासी, कुरैशी भैया एवं सलीम शेरी ने अर्थी को कंधा देकर किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचाया। कुछ अन्य मुस्लिम लोग भी वहां पहुंचे। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार विधी-विधान से किया गया। अपने मृतक पति को मुखाग्नि देने के लिये धर्मपत्नी ममता शर्मा ने हिम्मत जुटाई, मुस्लिम युवकों ने उनका ढांढस बंधाया। पार्षद धीरेंद्र चौधरी ने नगर निगम से मृतक की शैया के लिये निशुल्क लकड़ी की व्यवस्था करवाई। उल्लेखनीय है कि कोटा सुपर थर्मल से सामाजिक सरोकार केे तहत किशोरपुरा सहित शहर के प्रमुख मुक्तिधामों में कोरोना रोगियों के अंतिम संस्कार हेतु परिसर से निशुल्क सूखी लकड़ियों के ट्रक भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद

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