नगर निगम उदयपुर की बुक्स एंड स्टेशनरी कलेक्शन की अनूठी पहल

नगर निगम उदयपुर की बुक्स एंड स्टेशनरी कलेक्शन की अनूठी पहल
नगर निगम उदयपुर की बुक्स एंड स्टेशनरी कलेक्शन की अनूठी पहल

उदयपुर, 18 जुलाई (हि.स.)। उदयपुर में नगर निगम शहरी आजीविका मिशन, बीइंग मानव (एम स्क्वायर फाउंडेशन), रेडिसन उदयपुर, लेकसिटी मॉल और रोटरी क्लब उदय की ओर से शहरवासियों से पुस्तक संग्रहण (बुक्स एंड स्टेशनरी कलेक्शन) की पहल की गई है। शहरवासी अपने घरों पर पड़ी हुई वे किताबें जो अब खास उपयोगी नहीं हैं, उन्हें फतहसागर स्थित लाइब्रेरी वैन सहित निर्धारित स्थलों पर जमा करवा सकते हैं, ताकि वे जरूरतमंदों के काम आ सकें। नगर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी ने बताया कि किताबें व्यक्ति की सबसे अच्छी दोस्त होती है, किताब ही व्यक्ति का जीवन पर्यंत साथ देती है, लेकिन यह विडंबना है कि परिस्थितिवश हर व्यक्ति को किताबें या पढऩे की आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है। कोई खरीद पाने में असमर्थ होता है तो किसी की पहुंच से दूर होती है। साथ ही कई बार जब हम ट्रेवल कर रहे होते हैं या फिर किसी शान्त जगह पर बैठे होते हैं तब भी हम अपने पास किताबों की कमी महसूस करते हैं। इसी तरह ऐसे गरीब बच्चे जो केवल किताब और कॉपी की वजह से स्कूल अध्ययन के लिए नहीं जा सकते हैं, उनके घर परिवार इस स्थिति में नहीं होते हैं कि उन्हें पूर्ण रूप से पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवा सकें, ऐसे सभी विद्यार्थियों के लिए नगर निगम ने यह पहल की है। कोई भी संस्था परिवार या व्यक्ति निर्धारित किए गए स्थानों पर अपनी समर्थ एवं इच्छा अनुसार पाठ्य सामग्री दान कर सकता है। प्राप्त होने वाली हर सामग्री को केवल जरूरतमंद व्यक्ति को ही उपलब्ध कराई जाएगी। मिशन के जिला परियोजना अधिकारी डॉ. शैल सिंह सोलंकी ने बताया कि लोगों के द्वारा सहयोग में दी गई किताबों को लाइब्रेरी वैन में रखा जाएगा और फतेहसागर पर घूमने आने वाले पर्यटकों को पढऩे के लिए दिया जाएगा ताकि वह घूमने के साथ-साथ पुस्तकों का भी आनंद ले सकें और एक सुनहरी याद अपने साथ लेकर जाएं कि उदयपुर में पर्यटक स्थल पर किताबें भी पढऩे के लिए दी जाती हैं। एम स्क्वायर फाउंडेशन के अध्यक्ष मुकेश माधवानी ने बताया कि बुक ड्राइव 15 अगस्त तक चलेगी, इस दौरान जो भी किताबे सहयोग के रूप में देना चाहता है वह प्रदान कर सकता है। इसमें जीवनी, गजल, कविताएं, विज्ञान, आध्यात्म, प्रेरणास्पद, हिंदी, इंग्लिश भाषा की पुस्तक देना चाहते हैं तो वह भी जमा करवा सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल-hindusthansamachar.in

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