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आमेर महल में हाथी पालकों के समक्ष आजीविका का संकट, आर्थिक मदद करे सरकार : डॉ. पूनियां

जयपुर, 20 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी (कोविड-19) से बचाव एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में लागू की गई पाबंदियों के कारण आमेर महल में हाथी सवारी एवं हाथी गांव बंद होने के कारण हाथी पालकों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट के संबंध में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। डॉ. पूनियां ने गहलोत को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में लागू की गई पाबंदियों के कारण 17 अप्रैल से विश्व विख्यात आमेर महल एवं हाथी गांव में हाथी सवारी बंद की गई है, जिससे हाथी पालकों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। हाथी के खान-पान, दवाइयों, रख-रखाव व हाथी पालकों के गुजर-बसर के लिए प्रति मादा हाथी पर प्रतिदिन तीन हजार रुपये का खर्चा आता है और तकरीबन 13 माह से बंद हाथी सवारी से हाथी पालकों की आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय हो गई है। हाथी सवारी बन्द होने से हाथी पालकों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है और इन हाथी पालकों को अपने परिवार को पालना अत्यन्त मुश्किल हो रहा है। डॉ. पूनियां ने गहलोत से आग्रह किया कि जयपुर के हाथी पालकों एवं हाथियों के लिये आर्थिक सहायता मुहैया कराये जाने का श्रम करें, जिससे इस वैश्विक महामारी कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों में इन्हें राहत पहुंचाई जा सके। हाथी पालकों की समस्या को राज्य सरकार के समक्ष उठाने के संबंध में हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष शफीक खान ने डॉ. पूनियां को पत्र लिखा, जिसके बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हाथी पालकों की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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