law-and-order-in-rajasthan-on-ventilator---hanuman-beniwal
law-and-order-in-rajasthan-on-ventilator---hanuman-beniwal

राजस्थान में कानून व्यवस्था वेंटीलेटर पर - हनुमान बेनीवाल

जयपुर, 29 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक तथा नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा उन्होंने अपनी ट्विटर हैंडल पर भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर हुए हमले से लेकर प्रदेश के कई जिलों में घटित आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए सवाल खड़े किए। बेनीवाल ने कहा कि बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, पुलिस थानों में दुष्कर्म, राजधानी में एम्बुलेंस में दुष्कर्म व भरतपुर में सरेआम चिकित्सक दम्पती की हत्या करके वीडियो वायरल करने, गंगानगर में पुलिस कार्मिक से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर लेने सहित कई दर्जन घटनाओं ने राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है। बेनीवाल ने कहा कि आमजन से लेकर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि तक सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि राजस्थान की कानून व्यवस्था व इंटेलिजेंस पूर्ण रूप से पंगु हो गई है। कानून का इकबाल खत्म सा हो गया है। बेनीवाल ने कहा कि सरकार कुम्भकर्णी नींद में है और राज्य का गृह मंत्रालय नाकाम नजर रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीरता से संज्ञान लेने की जरूरत है क्योंकि जिस भरोसे के साथ राजस्थान की जनता ने कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई है उस भरोसे को कायम रखने सरकार विफल साबित हुई। सांसद बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में विगत 2 वर्षों में सत्ताधारी दल की नाकामी व बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी भाजपा कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर पाई और घरों में बैठकर केवल बयानबाजी की जा रही है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा गंभीर आपराधिक घटनाओं पर उनको संज्ञान लेकर प्रकरण वार समीक्षा करके पृथक से वक्तव्य जनता के समक्ष दिया जाना चाहिए क्योंकि गृह मंत्रालय का जिम्मा भी उनके पास है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि कई आपराधिक घटनाओं में न्याय नहीं मिलने से पीड़ित पक्ष गलत राह अपना लेता है वहीं कई मामलों में सिस्टम में बैठे लोगों की मिलीभगत से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता, ऐसे में सरकार को गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के प्रकरणों को फास्ट ट्रैक अदालत में ले जाकर वह ऑफिसर केस स्कीम आदि के तहत निस्तारण करके पीड़ितों को त्वरित न्याय देने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल / ईश्वर

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in