ख्वाजा का 809वां उर्स भी कोरोना की भेंट चढ़ेगा
अजमेर, 29 दिसम्बर(हि.स.)। ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स में सिर्फ रस्मों का आयोजन होगा। कायड़ विश्राम स्थली बंद रहेगी। यानी जायरीन का पहले की तरह आवागमन नहीं होगा। भीड़ व व्यक्तियों के जमाव से बचने के लिए कोरोना महामारी की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। उर्स का झंड़ा 7 फरवरी को चढ़ना है। 12 फरवरी से शुरू होने की संभावना है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अतिरिक्त कलक्टर की अध्यक्षता में हुए बैठक में यह निर्णय किया गया। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप भी उपस्थित रहे।जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण राज्य सरकार द्वारा गाइडलाईन जारी की गई हैं। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स के दौरान समस्त रस्में आयोजित होंगी। कोरोना महामारी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत भीड़ एवं व्यक्तियों के जमाव से बचा जाना आवश्यक है। इस कारण कायड़ विश्राम स्थली को बन्द रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि दरगाह से जुड़े समस्त व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा यह प्रयास किया जाएगा कि उर्स के दौरान कम से कम व्यक्ति अजमेर आएं। वृद्धों एवं बच्चों को संक्रमण से बचने के लिए यात्रा नहीं करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उर्स के आयोजन की संभावना कम है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से जायरीन को लाने वाली बसों के ऑपरेटर्स को भी बसों की बुकिंग नहीं करने के संबंध में सूचित किया जाएगा। रेल्वे की ऑनलाइन आरक्षण प्रणाली में भी अजमेर से संबंधित टिकट बुक कराते समय उर्स के आयोजन नहीं होने की सूचना का पॉप अप आरम्भ करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संवाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दरगाह क्षेत्र में अवैध पार्किंग स्थलों की जांच नगर निगम द्वारा की जाएगी। साथ ही इस प्रकार के पार्किंग संचालित करने वाले संचालकों को नोटिस जारी कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ इर्श्वर-hindusthansamachar.in