सोनिया गांधी: वो कद्दावर नेता जो एक भी चुनाव नहीं हारी, अब राज्यसभा के रास्ते जाएंगी संसद

Jaipur News: कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया।
Soniya Gandhi, Indira Gandhi and Rahul Gandhi
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जयपुर, रफ्तार डेस्क। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं। गांधी परिवार में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद सोनिया गांधी दूसरी महिला हैं जो राज्यसभा जाएंगी। सोनिया गांधी राजनीति में ऐसी महिला हैं जिन्हे चुनाव में कभी हार नहीं मिली। उन्होंने मोदी लहर में भी अपनी सीट बचाई रखी। अब उन्होंने राज्यसभा जाने का फैसला कर लिया है तो इससे साफ हो गया है कि वह लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में रायबरेली सीट से नहीं लड़ेंगी।

कांग्रेस की सदस्यता लेने के 62 दिनों बाद ही वह कांग्रेस की अध्यक्ष बन गयी।

सोनिया गांधी ने अपने जीवन में बड़े उतार चढाव देखे। उनकी शादी के कुछ सालो बाद ही उनके पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या कर दी गयी थी। उन्होंने पहले अपने परिवार में अपनी सास पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत देखी और फिर अपने पति की। इसके बाद सोनिया गांधी ने राजनीति से दूरी बनाने की सोच ली थी। लेकिन कांग्रेस की पकड़ धीरे धीरे देश में कम होने लगी। जिसके लिए कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राजनीति में लाने के लिए प्रयास किया। 1997 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। लेकिन उन्होंने पार्टी में कोई पद लेने की जगह पार्टी का प्रचार करने का निर्णय लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के समझाने के बाद कांग्रेस की सदस्यता लेने के 62 दिनों बाद ही वह कांग्रेस की अध्यक्ष बन गयी। जिसका बड़ा लाभ कांग्रेस को मिला। उनकी अध्यक्षता में कांग्रेस फिर से मजबूत हुई और लगातार दो बार अपनी सरकार बनायी। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री के पद का कोई लोभ न करते हुए, मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना डाला।

कांग्रेस ने लगातार दो बार अपनी सरकार बनायी

सोनिया गांधी का जन्म इटली में 9 दिसंबर 1946 को हुआ था। सोनिया गांधी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव वर्ष 1999 में लड़ा। उन्होंने यह चुनाव दो सीटों बेल्लारी, कर्नाटक और अमेठी, उत्तरप्रदेश से लड़ा और दोनों सीटों में जीत दर्ज की। उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी और अमेठी की सीट को चुना। उन्हें तो जीत मिल गयी थी। लेकिन उनकी पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। क्यूंकि उस समय वाजपेयी की भाजपा को उस समय के चुनाव में करगिल युद्ध और पोखरण परमाणु विस्फोट का राजनीतिक लाभ मिला था। लेकिन सोनिया गांधी की मेहनत और सफल राजनीतिक निर्णयों नेअटल बिहारी की भाजपा को पांच साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में मात दी और कांग्रेस ने लगातार दो बार अपनी सरकार बनायी।

उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कोई चुनाव नहीं हारा

सोनिया गांधी मोदी लहर में भी अपनी सीट बचाये रखने में सफल रही। उन्होंने साल 1999 से लेकर 2019 तक लगातार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करी। साल 2006 में सोनिया गांधी को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर संसदीय सीट से इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन उन्होंने उपचुनाव में जीत दर्ज की। सोनिया गांधी का एक रिकॉर्ड रहा है कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कोई चुनाव नहीं हारा।

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