Farmer Protest: राजस्थान से पंजाब जाने वाली दो ट्रेनें रद्द, एक का मार्ग बदला, दिल्ली बॉर्डर्स पर सुरक्षा बढ़ी

Farmer Protest: किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया है। प्रदर्शन के तीसरे दिन किसान आंदोलन का असर ट्रेनों पर भी पड़ रहा है।
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जयपुर, (हि.स.)। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया है। प्रदर्शन के तीसरे दिन गुरुवार को किसान आंदोलन का असर ट्रेनों पर भी पड़ रहा है। राजस्थान से पंजाब जाने वाली दो ट्रेनें रद्द की गई हैं और एक ट्रेन का रूट बदला गया है। किसानों के दिल्ली कूच की संभावनाओं को देखते हुए आज भी पंजाब-हरियाणा बॉर्डर सील है।

पुलिस-प्रशासन ने सभी बॉर्डर्स पर सुरक्षा बढ़ाई

हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर में आंदोलन का असर अधिक है। यहां सरकारी बसें इंटर स्टेट बॉर्डर क्रॉस नहीं कर रही हैं। इस कारण यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। किसान नेताओं के रुख को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सभी बॉर्डर्स पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।

कांग्रेस किसानों के साथ

जयपुर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी अहिंसक किसान आंदोलन के साथ है। डोटासरा ने कहा कि हम किसानों के बंद को पूरा सहयोग देंगे, कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। किसान संगठनों के शुक्रवार को बुलाए गए बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। किसानों के बंद में कांग्रेस कार्यकर्ता भी सहयोग करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने वादा किया है कि हमारी सरकार बनते ही हम किसानों को एमएसपी का हक देंगे।

रमनदीप कौर ने कहा हम दिल्ली कूच के लिए तैयार

हनुमानगढ़ के जंक्शन थाने में पुलिस अफसरों ने किसान प्रतिनिधि और सीएलजी सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में सभी सदस्यों और किसान प्रतिनिधियों को शुक्रवार को भारत बंद को लेकर पुलिस का सहयोग करने को कहा है। किसान प्रतिनिधियों को शांतिपूर्ण तरीके से बाजार बंद या अन्य विरोध प्रदर्शन की गतिविधियां करने को कहा गया। हनुमानगढ़ में किसान नेता रमनदीप कौर ने कहा कि हम तीन दिन से यहां डटे हुए हैं। दिल्ली कूच के लिए तैयार हैं। हमें गांवों में ही पुलिस ने ऐसे घेर लिया है कि जैसे हम अपराधी हों। क्या किसानों के लिए ही धारा 144 है। पीएम मोदी खुद लाइव प्रोग्राम कर रहे हैं, क्या उसमें धारा 144 लागू नहीं होगी। हम पीछे नहीं रहेंगे। दिल्ली जाकर रहेंगे।

श्रीगंगानगर से बठिंडा जाने वाली ट्रेन पूरी तरह से निरस्त

उत्तर पश्चिम रेलवे के सीनियर पीआरओ कमल जोशी ने बताया कि बठिंडा से श्रीगंगानगर और श्रीगंगानगर से बठिंडा जाने वाली ट्रेन को पूरी तरह से निरस्त किया गया है। अंबाला-श्रीगंगानगर और श्रीगंगानगर-अंबाला ट्रेन को भी बठिंडा तक चलाया जाएगा। अजमेर-अमृतसर ट्रेन भी तरणतारण जिले से होते हुए चलाई जाएगी। पंजाब की तरफ से आने वाली बसें राजस्थान बॉर्डर से करीब दो किलोमीटर पहले ही यात्रियों को उतार रहीं हैं। इस कारण साधुवाली बॉर्डर पर लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।

दिहाड़ी-मजदूरी के लिए आने वाले लोग भी बॉर्डर सील होने से परेशान

पंजाब से आने वाली बसें राजस्थान-पंजाब सीमा तक ही आवागमन कर रही है। उसके बाद यात्रियों को लगभग दो किलोमीटर पैदल चलने के बाद श्रीगंगानगर आने के लिए साधुवाली गांव में टैम्पो मिलता हैं। जिन किसानों की कृषि बैरिकेड्स के उस पार है, उन्हें अपने खेत तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान सीमा से सटे पंजाब के गांवों से श्रीगंगानगर में दिहाड़ी-मजदूरी के लिए आने वाले लोग भी बॉर्डर सील होने से परेशान हैं। उन्हें श्रीगंगानगर आने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।

किसान संगठनों ने किया 16 फरवरी को भारत बंद की घोषणा

अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन अरविन्द कुमार जाखड़ ने बताया कि किसान संगठनों ने 16 फरवरी को भारत बंद की घोषणा की हुई है। इसके दृष्टिगत 16 फरवरी तक साधुवाली बॉर्डर को सील रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में कहीं पर भी किसानों के प्रदर्शन आदि की सूचना नहीं है।

क्या हैं किसानों की मांगें?

1. सभी फसलों की खरीद के लिए MSP गारंटी कानून बनाने की मांग।

2. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय करने की मांग।

3. किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ करने की मांग।

4. 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग।

5. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू करने की मांग।

6. लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों के लिए सजा की मांग।

7. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाने की मांग।

8. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने की मांग।

9. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी देने की मांग।

10. किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग।

11. घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा और दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द करने की मांग।

12. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाने और फसल बीमा सरकार को खुद कराने की मांग।

13. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन करने की मांग।

14. संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों के जमीन की लूट बंद करने की मांग।

15. किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखने की मांग।

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