Issues of public interest including corona mismanagement, debt waiver will remain in the by-elections: Pooni
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कोरोना कुप्रबंधन, कर्जामाफी समेत जनहित के मुद्दे उपचुनावों में रहेंगे मुद्दा : पूनियां

जयपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि तीन विधानसभा उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं और पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व भी गम्भीर है। तीनों विधानसभा क्षेत्रों से सम्बन्धित उन जिलों के सांसद, विधायक एवं पार्टी के प्रमुख लोगों से बैठक में संवाद किया है। बैठक में संगठनात्मक चर्चाओं के साथ-साथ वहां के राजनीतिक समीकरण, राजनीतिक परिस्थितियां और किस तरीके से पार्टी ये चुनाव जीते इस पर समग्र चर्चा हुई हैं। डॉ. पूनियां रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये प्रारम्भिक चर्चा है, क्योंकि अभी चुनाव की घोषणा बाकी है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय कार्यकर्ता, प्रमुख लोगों से चर्चा कर संबंधित क्षेत्रों में भेजे गए जिम्मेदार लोगों से रायशुमारी कर पार्टी की ओर से करवाए गए सर्वे के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। फिलहाल, रणनीतिक तौर पर चुनाव की प्रारम्भिक तैयारियां किस तरीके से करें उसकी चर्चा हुई है। डॉ. पूनियां ने कहा कि कुल मिलाकर चुनाव और युद्ध में जीत पहली शर्त होती है। इसलिए हमारे लिए जिताऊ उम्मीदवार सबसे प्रमुख प्राथमिकता है। जो जीतने वाला व्यक्ति होगा उसे हम अवसर देंगे। विधानसभा उपचुनाव में मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नारे जरूर लगाये, लेकिन 50 वर्षों तक किसानों की सहूलियत के लिए उन्होंने कुछ किया नहीं, इसलिए राजस्थान की जनता इस बात को समझती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि ऐसे उपक्रम थे, जिससे राजस्थान और भारत के किसानों को सहूलियत मिली है। पूनियां ने कहा कि जनविरोधी नीतियों के कारण प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ 2 साल में ही सत्ता विरोधी लहर बन चुकी है। पंचायतीराज चुनाव में 2.41 करोड़ मतदाताओं ने यह साबित कर दिया और इस मौजूदा कांग्रेस पार्टी की सरकार को बड़ी शिकस्त मिली और राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी सत्ताधारी दल को जनादेश नहीं मिला हो। उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में किसानों की सम्पूर्ण कर्जामाफी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था ये सारे मुद्दे इस चुनाव में प्रमुखता से उठेंगे। पंचायतीराज का पैसा पंचायतों को ट्रांसफर नहीं होने से, एसएफसी का पैसा ट्रांसफर नहीं होने से पंचायतीराज संस्थाएं पंगु हो गई। शहरी विकास भी बिल्कुल ठप हो गया। इसलिए इस सरकार के खिलाफ कोरोना के कुप्रबंधन से लेकर किसान कर्जामाफी तक के मुद्दे चुनावों में मुखरता से उठेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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