न्यायमूर्ति कुलदीप माथुर ने इस मामले में सुनवाई करते हुए जमानत के आदेश दिए। अधिवक्ता नीलकमल बोहरा व गोकुलेश बोहरा ने आसाराम का पक्ष रखा था।