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हाईट्स हर्निया का दूरबीन पद्धति से किया इलाज

अजमेर, 27 मार्च (हि.स.)। दूरबीन पद्धति से एडवांस सर्जरी के लिए अब मरीजों को अजमेर से बाहर नहीं जाना होगा। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में एडवांस लेप्रोस्कोपिक सेवाएं उपलब्ध हैं। हाॅस्पिटल के गैस्ट्रो सर्जन डाॅ एस पी जिन्दल ने 65 वर्षीय वृद्धा के हाईट्स हर्निया का दूरबीन पद्धति से आॅपरेशन किया। वृद्धा डेढ़ दो वर्षों से एसिडिटी, खट्टी डकारें, मुंह से खट्टा पानी आने तथा सीने में जलन की पीड़ा से बेचैन रहा करती थी। आॅपरेशन के बाद वृद्धा को पूर्ण आराम है। वह ठीक से भोजन करने के अलावा चैन से जीवन यापन कर रही है। जानकारी के अनुसार हाईट्स हर्निया में पेट और छाती के बीच के पर्दे में कमजोरी की वजह से पेट के अंग, सामान्यतः आमाशय छाती में चला जाता है और मरीज को उल्टियां शुरू हो जाती हैं। पहले इसके आॅपरेशन के लिए पेट पर बड़ा चीरा लगता था और कई बार छाती में भी चीरा लगाने की जरूरत पड़ जाती थी, जिसकी वजह से ऑपरेशन के बाद मरीज को बहुत तकलीफ होती थी तथा कई दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ता था, पर लेप्रोस्कोपी से आॅपरेशन में मरीज जल्दी ही सामान्य जीवन बिताने के लिए तैयार हो जाता है। हॉस्पिटल के गैस्ट्रो सर्जन डॉ एस पी जिन्दल ने बताया कि वृद्धा एसिडिटी और खट्टी डकारों के कारण इतनी परेशान थीं कि बराबर भोजन भी नहीं कर पा रही थीं। दवाइयां भी लेती थीं तो असर नहीं होता था। अस्पतालों में भर्ती भी रहकर आ गई किन्तु आराम नहीं मिल पाया। रोगी की आवश्यक जांच कर समस्या के मूल को पहचान कर बिना किसी चीर फाड़ के दूरबीन पद्धति से इलाज किया और मरीज को ऑपरेशन के तीसरे ही दिन हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी। उन्होंने बताया कि इस तरह का ऑपरेशन भयंकर एसिडिटी वाले मरीजों के लिए तो रामबाण है, जिनके कोई दवाई काम नहीं कर रही है, मुंह में खट्टा पानी आता है, कुछ भी खाने पीने में दिक्कत आती है उन्हें गैस्ट्रो सर्जन से परामर्श की सलाह दी जाती है। डॉ जिन्दल ने बताया कि एपेंडिक्स, हर्नियां, पित्त की पथरी, आंत में रुकावट, आंत फटना, आंत के कैंसर, बैरियाट्रिक सर्जरी इत्यादि की दूरबीन पद्धति से बिना चीर फाड़ के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही अब लीवर, पैंक्रियाज और पित्त की थैली के कैंसर के आपरेशन की सुविधा भी यहां मिल रही है। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर

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