Happiness will spread on the face of Divine and Janhvi suffering from congenital heart disease, operation of heart disease
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जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त दिव्यांशु व जान्हवी के चेहरे पर छायेंगी खुशी, हुआ हृदय रोग का ऑपरेशन

चूरू, 01 जनवरी (हि.स.)। जन्म से हृदय रोग से पीड़ित मासूमों के चेहरे की हंसी बीमारी के कारण हर दिन कम होती जा रही थी। मासूम बेटे व बेटी के मुरझाये चेहरे देखकर परिजनों के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें साफ झलकने लग गई थी। जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त मासूमों के थोड़ी दूर चलने पर सांस भरने व थकने के कारण अब परिजन हर दिन परेशान रहने लगे थे। इस दौरान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की चिकित्सा टीम ने परिजनों को आस की ज्योति दिखलाई। हृदय रोग का महंगा उपचार नि:शुल्क होने से अब बेटी व बेटे के साथ परिजनों की खुशियां लौट आई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनमोहन गुप्ता ने बताया कि जिले में आरबीएसके टीमों के द्वारा दिसंबर माह की दूसरी सर्जरी और अब तक कुल 115 बच्चों का हदय रोग का सफल उपचार हो चुका है। दिव्यांशु का नहीं फूलेगा दम राजलदेसर के वार्ड 13 निवासी जितेन्द्र के तीन वर्षीय बेटे दिव्यांशु जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित था। थोड़ा सा चलने पर ही उसका दम फूलने लगता था। बेटे की बीमारी के उपचार के लिये जितेन्द्र ने चिकित्सकों को दिखाया तो चिकित्सकों ने महंगे ऑपरेशन का खर्चा बताया। सिलाई का कार्य करने वाले जितेन्द्र के पास बेटे का महंगा उपचार करवाने के लिये इतनी रकम की व्यवस्था करना मुश्किल था। इसी दौरान राजलेदसर के आंगनबाड़ी केन्द्र पर आरबीएसके मोबाइल हैल्थ टीम के डा. सुरेश कुमावत ने दिव्यांशु की जांच की। जांच में दिव्यांशु हृदय रोग से ग्रसित पाया गया। बाद में उसे टीम ने उपचार के लिये आरबीएसके रैफ रल कार्ड बनाकर चूरू के डिईआईसी सेन्टर चूरू भेजा। डिईआईसी मैनेजर बिजेन्द्र भाटी ने दिव्यांशु को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ईकराम हुसैन को दिखाया गया। इस पर डॉ ईकराम ने बच्चे को उच्च स्तरीय उपचार की आवश्यकता बताई। बाद में जिला नोडल अधिकारी डॉ सुनील जांदू ने आवश्यक कार्यवाही कर जयपुर उपचार के लिये भिजवाया। जहां 26 दिसम्बर को जयपुर के मणीपाल हास्पिटल में निशुल्क हद्रय सर्जरी की गई। दिव्यांशु के ऑपरेशन पर करीब डेढ़ लाख रूपये की राशि का भुगतान आरबीएसके के द्वारा किया गया। दो वर्ष की जान्हवी अब लगा सकेंगी दौड़ सुजानगढ़ के शोभासर के मनोज गौड की दो वर्षीय बेटी जान्हवी जन्म से हृदय रोग से ग्रसित रही है। बेटी अन्य बच्चों के साथ खेलने में परेशानी महसूस करती थी। इस पर मनोज ने शोभासर के आंगनबाड़ी केन्द्र पर आरबीएसके की मोबाइल हैल्थ टीम के डॉ दिनेश और डॉ कौशल्या से जांच करवाई। जांच में बालिका जान्हवी हृदय रोग से ग्रसित पाई गई। बाद में चूरू के डिईआईसी सेन्टर से बालिका को शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया। बालिका की जांच के बाद चिकित्सक ने उसे जयपुर उच्च स्तरीय उपचार हेतु रैफ र किया। जिला नोडल अधिकारी डॉ सुनील जांदू ने बच्ची के निशुल्क उपचार के लिये आवश्यक कार्यवाही कर जयपुर भेजा। जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में बालिका का हृदय रोग का ऑपरेशन हुआ। मनोज की आर्थिक स्थिति कमजोर थी तथा प्राइवेट नौकरी करन के कारण महंगा ऑपरेशन निशुल्क होने पर उसने आरबीएसके को वरदान बताया। हिन्दुस्थान समाचार/नटवर/संदीप-hindusthansamachar.in

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