गहलोत सरकार कोरोना आपदा प्रबंधन के साथ हर मोर्चे पर नाकाम : कर्नल राज्यवर्धन
जयपुर, 27 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन ने प्रदेश की गहलोत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कोरोना काल में हर मोर्चे पर फेल बताया है। उन्होंने कहा कि देश कोरोना से जूझ रहा है और राजस्थान में त्राहिमाम मचा हुआ है। जनता आईसीयू, बैड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रही है। ऐसे समय में प्रदेश की सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। प्रदेश में कोरोना की भयावहता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा 25 अप्रैल से 265 मैट्रिक टन ऑक्सीजन और 67 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन राज्य सरकार को दिए जा रहे है। अच्छी लीडरशिप वही होती है जिसका कोई विजन हो। उन्होंने कहा कि यूके में जो कोरोना वायरस का स्ट्रेन पाया गया था वह राजस्थान के श्रीगंगानगर में सबसे पहले 5 जनवरी 2021 को पाया गया था। यह सरकार के संभलने का समय था, लेकिन राज्य सरकार सोती रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए इसी दिन पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 201 करोड़ रुपये सभी राज्यों को दिए, जिसमें राजस्थान में चार स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे लेकिन राजस्थान में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि अब प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो गया तब कहीं जाकर 15 से 24 अप्रैल तक प्रदेश की 30 प्राईवेट इंडस्ट्रीज में काम आने वाले ऑक्सीजन प्लांट अपने अधीन लिए गए है। प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है। अगर प्रदेश की सरकार दूरदर्शी होती तो वह हाल ही में पंजाब को 20 हजार इंजेक्शन नहीं देती। आने वाली आपदा को लेकर राज्य सरकार का कोई विजन नहीं था। कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार मजबूती से काम कर रही है। सेना, वायु सेना और रेलवे पूरे देश में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम कर रही है। रेलवे के लिए तो ग्रीन कॉरिडोर बना दिया गया है जो युद्ध की स्थिति में बनया जाता है। कोरोना काल में मोदी जी ने देश में हैल्थ के ढांचे की मजबूती पर ध्यान दिया। पीपीई किट जो भारत में नहीं बनता था वह बनने लगा, वैक्सीन बनाई गई और पूरे देश में वैक्सीनेशन का अभियान लाया गया। नौ मार्च को कोरोना वैक्सीन की लगभग 47 लाख डोज राज्य सरकार के पास थी लेकिन सरकार उसमें से मात्र 24 लाख डोज का ही इस्तेमाल कर पाई। वैक्सीनेशन ही कोरोना से बचाव का मजबूत साधन है जिसका मोदी जी और केन्द्र सरकार लगातार प्रमोशन कर रहे है। राजस्थान में वैक्सीन की कमी नहीं है, व्यवस्थाओं की कमी है। सरकार द्वारा कोई पोर्टल नहीं बनाया गया है जिस करण वैक्सीनेशन सैन्टर्स पर भीड़ लग रही है, सरकार का वैक्सीनेशन को लेकर भी कोई तय कार्यक्रम नहीं है। मुख्यमंत्री के ट्वीट से यह साबित होता है कि राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से उपर के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का जो निर्णय लिया गया है वह मोदी जी द्वारा देश में 45 और 60 वर्ष से उपर के आयु वर्ग के लिए चलाए गए नि:शुल्क वैक्सीनेशन और अन्य राज्यों द्वारा 18 वर्ष से उपर के आयु वर्ग के लिए चलाए गए नि:शुल्क वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दबाव में आकर ही लिया गया है। कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि राजस्थान सरकार को जिस जनता ने सत्ता में बिठाया है वहीं जनता अब आईसीयू बैड और ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रही है। वर्तमान में प्रदेश को आईसीयू बैड्स के साथ-साथ डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टॉफ, पैरामेडिकल स्टॉफ की भी आवश्यकता है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज में अनेक डॉक्टर्स, नर्सेज और पेरामैडिकल स्टॉफ अंतिम वर्ष की परीक्षा की तैयारी कर रहे है, उन्हें कोरोना से लड़ाई में शामिल किया जा सकता है। कोरोना की लहर को तोडऩे के लिए चेन तोडऩी पड़ेगी लेकिन सरकार ने जनता कफ्र्यू लगाने में भी कोई सख्ती नहीं दिखाई। सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम और विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है। जनता ने सत्ता दी है तो केन्द्र सरकार को दोष देना बन्द कर प्रदेश की सरकार को अपना दायित्व निभाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप