Freezing snow melted in the sunlight
Freezing snow melted in the sunlight

तल्ख धूप की रश्मियों में पिघलती सी दिखी रिश्तों पर जमी बर्फ

जयपुर, 03 जनवरी (हि. स.)। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ गुजरे 40 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन तथा इसके पक्ष में राजस्थान विधानसभा की ओर से पारित किए गए संशोधन बिलों को राजभवन में रोकने सरीखे मुद्दों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शहीद स्मारक पर रविवार को दिए गए 4 घंटें के धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्तों पर जमी बर्फ तल्ख धूप की रश्मियों में पिघलती सी दिखी। जुलाई 2020 में गहलोत सरकार की सत्ता पर संकट का सबब बने पायलट आलाकमान की समझाइश के बाद भले कांग्रेस में लौट आए और राजस्थान की सत्ता बच गई, लेकिन पायलट के बगावती तेवर के बाद उन्हें सार्वजनिक तौर पर भला-बुरा कहने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पायलट के दिल कभी नहीं मिले। राजस्थान की राजनीति में 3 जनवरी का दिन एक नई सियासत के लिए याद किया जाएगा। लंबे अरसे के बाद सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट न सिर्फ एक ही मंच पर नजर आए, बल्कि दोनों के बीच हाय-हैल्लो भी हुई। बगावती तेवर के बाद ये पहला मौका था, जब सीएम गहलोत और पायलट ने एक साथ एक मंच शेयर किया। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिलों के खिलाफ राजस्थान में रविवार को किसानों के पक्ष में गहलोत सरकार धरने पर बैठी। स्थान तय किया गया शहीद स्मारक। पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के बुलावे पर धरने में शामिल होने के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट दोपहर 1 बजे शहीद स्मारक पहुंचे और मंच पर बैठ गए। कुछ देर उन्होंने कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के साथ बातचीत की, फिर चुप्पी धार ली। लगभग डेढ़ बजे मुख्यमंत्री गहलोत धरना स्थल पर पहुंचे और जैसे ही वे मंच पर पहुंचे, पायलट ने अपने स्थान पर उठकर उनका अभिवादन किया। धरना स्थल पर बनाए गए मंच पर सीएम गहलोत के एक तरफ पायलट थे तो दूसरी तरफ डोटासरा। इस दौरान गहलोत व पायलट के बीच कोई बातचीत तो नहीं हुई, अलबत्ता आंखें चार जरुर हुई। पायलट ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री गहलोत का अभिवादन किया, उसके बाद से पायलट के संबोधन पर गहलोत की नजरें लगी रही। इसके बाद गहलोत ने भी अपने संबोधन में पूर्व उप मुख्यमंत्री के नाम का उच्चारण कर उन्हें पूरी तवज्जो दी। किसान विरोधी बिल के विरोध में किसान बचाओ-देश बचाओ नारे के साथ दिए गए धरने में पायलट गुट के पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह व रमेश मीणा समेत कई विधायक पहुंचे, लेकिन हाजिरी देकर वे धरना स्थल से चलते बने। गवर्नमेंट हॉस्टल स्थित शहीद स्मारक पर दिए गए धरने से कांग्रेस ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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