पहले कोरोना ने मुखिया फिर ताऊते ने छत छीनी, अब नारायण सेवा ने दिया सम्बल

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उदयपुर, 04 जून (हि.स.)। उदयपुर जिले के आदिवासी बहुल जोर जी का खेड़ा निवासी मीना (बदला हुआ नाम) का पति अहमदाबाद में नमकीन की दुकान पर काम करता था। खराब तबीयत के चलते वो गांव आया और दो दिन बाद मृत्यु हो गई। पत्नी एक तरफ पति की मौत से दुखी थी तो दूसरी तरफ तीन बेटियों और वृद्ध सासू मां की चिंता सता रही थी। असमय मौत से असहाय हुए परिवार के घर में न आटा, न दाल, न अन्य सामग्री। भोजन को भी मोहताज हो रहे परिवार पर ताऊते तूफान का कहर भी ऐसा बरपा कि टूटी-फूटी छत ही उड़ गई। परिवार के पांचों जन ने बारिश में भीगकर रातें गुजारी तो अब तेज धूप में तपने को मजबूर। अब इस परिवार को उदयपुर के नाराण सेवा संस्थान ने सम्बल दिया है। नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में राशन बांटने वाली टीम को पता चला तो वे वहां पहुंचे। पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाया और मदद के लिए आगे आये। मृतक मजदूर परिवार को संस्थान ने मौके पर ही महीने भर का आटा, चावल, तेल, शक्कर, चाय, दाल और मसाले दिए। हर माह परिवार को राशन दिया जाता रहेगा। साथ ही पक्की छत का निर्माण संस्थान द्वारा करवाया जाएगा। संस्थान ने मृतक मजदूर के परिवार को भरोसा दिलाया है कि बेटियों को पढ़ाने में पूरी मदद की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/ ईश्वर

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