शिक्षकों का स्थानांतरण नीति को लेकर विधानसभा पर प्रदर्शन
जयपुर,01 मार्च (हि.स.)। राजस्थान शिक्षक संघ (रेस्टा) राजस्थान शिक्षक संघ (युवा), सहित कई संगठनों की ओर से शिक्षकों की स्थानांतरण नीति नहीं बनाने और मनचाहा स्थानांतरण करने के विरोध में सोमवार को विधानसभा पर विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन का अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने भी पूर्ण समर्थन किया। महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की स्थानांतरण नीति नहीं होने के कारण शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं हो पा रहे हैं। तृतीय श्रेणी के शिक्षक जो पिछले कई वर्षों से प्रतिबंधित जिलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं वे स्थानांतरण नीति नहीं होने के कारण अपने गृह जिले में नहीं जा पा रहे हैं। दूसरी ओर शिक्षा मंत्री द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण के ऑप्शन फॉर्म लेने के बावजूद केवल अपने ही गृह जिले लक्ष्मणगढ़ के शिक्षकों का स्थानांतरण कर रहे हैैं । दूसरे जिलों के शिक्षकों की ओर उनका कोई ध्यान नहीं है। राठौड़ ने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में कार्यरत शिक्षक वर्ष 2014 से अपने गृह जिले में जाने की मांग कर रहे हैं । उनसे वर्ष 2014 में ऑप्शन फॉर्म भी भरवाए लिए गए हैं। लेकिन उसके बाद भी आज तक उनके स्थानांतरण नहीं किये हैं। इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश है। राठौड़ ने बताया कि शिक्षकों की मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी को ज्ञापन सौंपा तथा उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही शिक्षकों के स्थानांतरण नीति बना दी जाएगी तथा तृतीय श्रेणी शिक्षकों का विषय स्थानांतरण नीति के माध्यम से स्थानांतरित किया जाएगा शिष्टमंडल में आरसी जाखड़ शिक्षक संघ युवा भैराराम चौधरी शिक्षक संघ रेसला सहित पांच सदस्य ज्ञापन देने गए उन्होंने चेतावनी दी कि जल्दी से जल्दी शिक्षकों की स्थानांतरण नीति बनाए अन्यथा दोबारा रणनीति बनाकर आंदोलन किया जाएगा हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप