Biparjoy Cyclone Effect: राजस्थान से गुजरा बिपरजॉय तूफान, जानिए कैसे हैं वहां के हालात

Biparjoy Cyclone Effect: मारवाड़ में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान ने शुक्रवार से रविवार तक जमकर भिगोया। रविवार की दोपहर बाद बारिश का दौर थमा और तूफान का रूख अजमेर जयपुर की तरफ हो गया।
Biparjoy Cyclone Effect
Biparjoy Cyclone Effect

जोधपुर, हिन्दुस्थान समाचार। अरब सागर से उठा बिपरजॉय तूफान मारवाड़ से निकल गया। मगर जाते जाते अपने निशां छोड़ गया। मारवाड़ के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार से रविवार तक चली भारी और अतिभारी बारिश से बस्तियां जलमग्र होने के साथ रेल पटरियों के नीचे से मिट्टी खिसक गई तो बांध तक टूट गए। हालांकि कई बांधों में पानी की अच्छी खासी आवक भी हो गई।

कई बस्तियां में भरे पानी को निकालने के लिए लगेगा कई दिनों का समय

मारवाड़ में जैसलमेर को छोडकर सभी जिलों में तीन दिन तक अच्छी बारिश हो गई। खेत खलिहानों तक में पानी भर गया। मगर सबसे बड़ी परेशानी उन बस्ती वालों को हुई जो निचले स्तर पर बसी थी। जहां पानी का भराव हो रखा है। आज दूसरे दिन भी जोधपुर शहर में प्रशासन कई बस्तियों से पानी की निकासी में जुटा हुआ था। कई बस्तियां तो इस कदर पानी में डूब चुकी है कि पानी को उतरने में कम से कम पंद्रह दिन तक का वक्त लग सकता है। बीजेएस से लगती नट बस्ती, कबीर नगर, डर्बी कॉलोनी क्षेत्र की बस्तियों में भरे पानी को निकलने में काफी वक्त लगेगा।

रविवार की दोपहर बाद बारिश का दौर थमा

मारवाड़ में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान ने शुक्रवार से रविवार तक जमकर भिगोया। रविवार की दोपहर बाद बारिश का दौर थमा और तूफान का रूख अजमेर जयपुर की तरफ हो गया। आज मारवाड़ में बादल छाए है मगर हवा की गति भी तीन से पांच किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। गर्मी का असर खत्म होने के साथ उमस भी खत्म हुई है। आसमां पर बादल छाए हुए है। मगर बारिश के आसार नहीं है। मौसम एक तरह से खुला हुआ है। बादलों की आवाजाही बनी हुई है।

शहर की कई सडकों पर अब भी भरा हुआ है पानी

सूर्यदेव की बादलों के बीच लुकाछिपी चल रही है। अभी धूप पूरी तरह नहीं खिलीं है। बादलों की ओट में सूर्यदेव के आने से गर्मी और उमस भी नहीं सता रही। शहर की कई सडकों पर अब भी पानी भरा हुआ है। वाहन चालकों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।

सडकें बने गड्ढे, कई स्थानों पर धंसी सडक

तीन दिन की बारिश ने शहर की सडक़ों की पोल खोल दी है। कई स्थानों पर सडक़ों के धंसने के साथ मिट्टी भी खिसक गई है। जोकि फिलहाल दुरूस्त नहीं की गई है। सडक़ों पर गड्डों के बनने से वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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