पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने को लेकर अवमानना याचिका में सीएस को बनाया पक्षकार
जयपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान हाइकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने के मामले में वर्तमान मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पक्षकार बनाकर नोटिस जारी कर दिए हैं। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश मिलाप चंद डांडिया की अवमानना याचिका में दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए। प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि हाइकोर्ट ने 4 सितंबर 2019 को आदेश जारी कर राजस्थान मंत्री वेतनमान अधिनियम, 2017 की धारा 7बीबी और धारा 11 को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया था। इन धाराओं के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने का प्रावधान था। अदालती आदेश के बावजूद भी राज्य सरकार ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से बंगला खाली नहीं कराया है। इसके अलावा राजे से जनवरी 2020 में सुविधाएं वापस ली गई हैं। ऐसे में अवमाननाकर्ता अधिकारियों से सुविधाएं देने के बदले खर्च हुई राशि की रिकवरी की जाए। वहीं अब मुख्य सचिव बदल गए हैं। ऐसे में नए सीएस निरंजन आर्य को पक्षकार बनाया जाए। गौरतलब है की राज्य सरकार ने गत सुनवाई को शपथ पत्र पेश कर कहा था कि अदालती आदेश की पालना में राजस्थान मंत्री वेतनमान अधिनियम, 2017 के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाएं वापस ली जा चुकी है। वहीं एक अगस्त, 2020 को राजस्थान विधानसभा सदस्यों को निवासीय सुविधा नियम,1973 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के आधार पर गत 18 अगस्त को वसुंधरा राजे सहित अन्य को बतौर विधायक आवास आवंटित किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर-hindusthansamachar.in