राजस्थान के औद्योगिक परिसंघों को देश की आर्थिक विकास दर बढ़ने का भरोसा
राजस्थान के औद्योगिक परिसंघों को देश की आर्थिक विकास दर बढ़ने का भरोसा

राजस्थान के औद्योगिक परिसंघों को देश की आर्थिक विकास दर बढ़ने का भरोसा

जयपुर, 12 जून (हि.स.)। राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को उम्मीद है कि भारत अगले वित्त वर्ष में साढे नौ प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करेगा जैसा कि फिच और एसएंडपी ने अपनी नवीनतम रेटिंग में अनुमान लगाया है। साथ ही भारतीय उद्योग और वाणिज्य के अग्रणी संगठन फिक्की को भी विश्वास है कि भारत अगले वित्तीय वर्ष में लगभग नौ प्रतिशत की विकास दर हासिल करने में सक्षम है। इन परिसंघों का मानना है कि केंद्र सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए किए गए उपायों को देखते साढे नौ प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य हासिल करना यथार्थवादी प्रतीत होता है। राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव के. एल. जैन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पांच से छह महीनों में पटरी पर वापस आ जाएगी। उन्होंने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की अहम भूमिका होगी। जैन ने कहा कि भारत में भारी निवेश आ सकता है क्योंकि चीन में श्रम की लागत बढ़ गई है और वहां की अर्थव्यवस्था बिखर गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह एमएसएमई क्षेत्र को एक नया जीवन देगा। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि भारतीय अर्थव्यवस्था को तीव्र गति से उबारना है, तो आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करना होगा और विस्थापित कुशल मजदूरों को वापस लाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। जैन इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हम आने वाले छह महीनों में 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। भारतीय उद्योग और वाणिज्य के अग्रणी संगठन, फिक्की को भी विश्वास है कि भारत अगले वित्तीय वर्ष में लगभग नौ प्रतिशत की विकास दर हासिल करने में सक्षम है। भारतीय उद्योगों की संघर्ष क्षमता की सराहना करते हुए, फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन की पूर्व अध्यक्ष अपरा कुच्छल ने राय जाहिर की है कि उद्योग, वित्तीय संस्थानों, सरकार और अन्य हितधारकों को अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। कुच्छल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा अभी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें विकास की बहुत अधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, आतिथ्य और हस्तशिल्प उद्योग, जिनकी भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका है, निश्चित रूप से इस साल के अंत तक वापस उबर जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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