conducted-39beti-bachao-beti-padhao39-workshop-with-the-echo-of-39cheer-on-the-birth-of-daughters39
conducted-39beti-bachao-beti-padhao39-workshop-with-the-echo-of-39cheer-on-the-birth-of-daughters39

'बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ की गूंज के साथ बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं कार्यशाला आयोजित

डूंगरपुर, 09 मार्च (हि.स.)। ‘बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ की गूंज के साथ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के दूसरे दिन ‘’बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं एवं घूंघट प्रथा समाप्ति के प्रयास” विषयक कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित सहलोत एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण सचिव सहलोत ने कहा कि हमें बेटा-बेटी की असमानता को दूर करने की पहल सबसे पहले हमें अपने घर से ही करनी होगी। उन्होंने बेटियों की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजौरिया ने कहा कि हमें सबसे पहले अपनी मानसिकता को बदलना होगा। बेटा और बेटी को समान अवसर प्रदान करने होंगे तथा महिलाओं को जागरूक करना होगा। अतिथियों ने घूंघट प्रथा समाप्ति पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी प्रतिभाओं को पहचानना होगा तथा सभी को महिलाओं को आगे आने के लिए अवसर प्रदान करना होगा। कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता सुमित्रा फुमतिया ने भूण हत्या रोकथाम एवं परिवार समाज की भूमिका पर व्याख्यान दिया, वहीं एडवोकेट स्वाति पारिक ने महिलाओं के कानूनी अधिकार विषय पर विधिक जानकारी प्रदान की। सहायक निदेशक जनसंपर्क छाया चौबीसा ने बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने, विकसित राष्ट्र में महिलाओं की भूमिका एवं महत्व की जानकारी दी। कार्यशाला में बेटियों की भूमिका को इंगित करते हुए सर्वप्रथम बालिका नेहा चौबीसा के नारी सशक्तिकरण के गीत ‘बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ एवं कविता ‘नारी’ के द्वारा किया गया। हिंदुस्थान समाचार/व्यास/संदीप

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in