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बजट निराशानजक, विजनलेस व जनविरोधी- उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़

जयपुर, 24 फरवरी(हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा में प्रस्तुत किए गए राज्य बजट 2021-22 को अत्यन्त निराशानजक, विजनलेस व जनविरोधी बताते हुए कहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार ने बजट में बजटीय घाटा 12 हजार 378 करोड़ रुपये का जो अनुमान लगाया था वह सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ़कर संशोधित अनुमान के अनुसार 41 हजार 721 करोड़ रुपये हो गया तथा वर्ष 2021-22 में फिर 23 हजार 750 करोड़ रुपये का राजस्व घाटे का बजट मुख्यमंत्री जी ने प्रस्तुत किया है। कुल मिलाकर दो वर्षों का लगभग 65 हजार करोड़ से अधिक का बजटीय घाटा राज्य की बदहाल अर्थव्यवस्था की ओर इंगित करता है। इस प्रकार के घाटे के बजट से विकास की संभावनाएं पूरी होना असंभव है। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अलग से कृषि बजट प्रस्तुत करने की बात कही जबकि कृषि बजट के अंदर वित्तीय संसाधनों का उल्लेख अपने बजट भाषण में नहीं किया। यह सारा बजट कपोल कल्पित घोषणाओं के आधार पर बनाया है जो निराशाजनक है। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में शब्दों का मायाजाल व आंकड़ों की जादूगरी करके राजस्थान की साढ़े 7 करोड़ जनता की उम्मीदों एवं आशाओं को गहरा आघात पहुंचाया है और मुंगेरीलाल के हसीने सपने दिखाते हुए आमजन के साथ छलावा किया है। मुख्यमंत्री जी के बेहद लंबे, लच्छेदार बजटीय घोषणाओं व भारी भरकम वित्तीय शब्दों से आमजन को कोई सरोकार नहीं है। आमजन को केवल इसी से सरोकार है कि बजट से उसकी जेब में क्या आया और क्या गया, हालांकि इस बजट में जनता की जेब में कुछ नहीं आया यह वास्तविकता है। राठौड़ ने कहा कि सरकार के आर्थिक कुप्रंबधन के चलते प्रदेश आर्थिक दिवालिएपन के कगार पर पहुंच गया है। बजट में बार-बार कोरोना संकट का जिक्र करने वाले मुख्यमंत्री जी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना महामारी तो वर्ष 2020 में आई थी लेकिन राज्य की आर्थिक स्थिति तो विगत दो वर्षों से ही बदतर है। राठौड़ ने कहा कि राज्य बजट 2021-22 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अधिकतर योजनाएं गांधी परिवार को समर्पित है जिसके माध्यम से उन्होंने दिल्ली दरबार के सम्मुख अपने नंबर बढ़ाने का काम किया है। दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री जी ने अधिकतर सौगातें गृह नगर जोधपुर को देकर अन्य जिलों के साथ भेदभावपूर्ण नीति अपनाई है। राठौड़ ने कहा कि जितने झूठे सब्जबाग पिछले सभी बजट में गहलोत सरकार ने राज्य की जनता को दिखाए हैं, यदि वो सब पूरे हुए होते तो प्रदेश में विकास के कार्य ठप नहीं होते और राज्य की अर्थव्यवस्था की यह दुर्गति कभी नहीं देखने को मिलती। राठौड़ ने कहा कि कुल मिलाकर राज्य बजट 2021-22 ''खोदा पहाड़ निकली चुहिया'' की कहावत को चरितार्थ करने वाला है। मुख्यमंत्री जी ने आंकड़ों के जिस भ्रमजाल में जनता को फंसाकर अपने जादू से भ्रमित करने की कोशिश की है इन आंकडों के खेल का माकूल जवाब जनता आगामी उपचुनाव में जरूर देगी। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर

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