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भ्रामक और झूठे प्रचार से बाज नहीं आ रही भाजपा: मुख्यमंत्री

जयपुर, 09 फरवरी(हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली से आकर भाजपा के नेता राजस्थान में झूठ फैलाते हैं। जनता ने नगरीय निकाय चुनावों में इनके झूठे और भ्रामक प्रचार का करारा जवाब दिया है लेकिन बीजेपी नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा सात फरवरी को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे। गहलोत ने कहा कि स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिथ्या आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्जमाफी का वादा किया था लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। गहलोत ने कहा कि ईरानी को तथ्यों पर पूरा होमवर्क नहीं किया इसलिए उन्होंने इतना फैक्चुअली इनकरेक्ट बयान दिया है। 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद 19 दिसंबर को मैंने प्रेस वार्ता कर किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया। राजस्थान सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी एवं भूमि विकास बैंकों से 20 लाख 56 हजार किसानों के 30 नवंबर 2018 तक किसानों के सम्पूर्ण बकाया फसली ऋणों को माफ किया। साथ ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के 6072 करोड़ रुपये का भुगतान भी कांग्रेस सरकार ने किया। कांग्रेस सरकार ने कुल 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के किसानों के कर्ज माफ किए हैं। श्रीमती ईरानी को बताना चाहिए कि मोदी सरकार 2008 में यूपीए सरकार द्वारा की गई 72 हजार करोड़ रुपये की किसान कर्जमाफी की तरह पूरे देश के किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं कर रही? पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर गहलोत ने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने वैट बढ़ा रखा है। केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमते 130 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम 70 रुपये से कम रहते थे। मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं तब भी पेट्रोल-डीजल के दाम 90 रुपये के आसपास क्यों है? प्रदेश सरकार ने 10 दिन पहले ही वैट में दो प्रतिशत की कटौती की है। केन्द्र सरकार को भी बजट में केंद्रीय करों को कम करने का साहस दिखाना चाहिए था। उन्होंने एक्साइज ड्यूटी कम की लेकिन एक नया सेस लगा दिया जिससे कोई फायदा आम जनता को ना मिल सके। आम जनता को मालूम नहीं है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी का कुछ हिस्सा राज्यों को भी मिलता है लेकिन मोदी सरकार ने इसमें राज्यों के हिस्से को लगातार कम किया है। केन्द्र सरकार षडयंत्रपूर्ण तरीके से पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा रही है जिससे राज्यों को कोई फायदा ना मिले और केन्द्र सरकार का खजाना भरता रहे। गहलोत ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में राजस्थान से ज्यादा वैट और टैक्स लग रहे हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत वैट एवं 1.5 रुपये सेस और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट एवं 1.75 रुपये सेस है। जबकि मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वैट के साथ 4.5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त वैट एवं 1 प्रतिशत सेस है एवं डीजल पर 23 प्रतिशत वैट, 3 रुपये अतिरिक्त वैट एवं 1 प्रतिशत सेस है जो राजस्थान से ज्यादा है। मणिपुर में पेट्रोल पर 36.50 प्रतिशत वैट है। कर्नाटक में पेट्रोल पर 35 प्रतिशत सेल्स टैक्स लगता है। अगर बीजेपी नेताओं को जनहित से कोई सरोकार है तो वे पहले केन्द्र सरकार से टैक्स कम करवाएं। राजस्थान प्रदेश की चिंता ना करें। यहां का संतुलन हमारी सरकार बनाए रखेगी। अगर राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा रिफायनरी का काम पूरे 5 साल तक ना अटकाया गया होता तो राजस्थान की जनता को भी यहीं रिफाइन किया गया सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल सकता था। ईआरसीपी के सवाल पर श्रीमती ईरानी द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ईरानी को प्रधानमंत्री जी को राजस्थान की जनता से किया वादा याद करवाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 07 जुलाई, 2018 और 06 अक्टूबर, 2018 को राजस्थान में रैली को संबोधित करते हुये ईआरसीपी को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने का वादा किया था। लेकिन वो अपने वादे को पूरा ना कर राजस्थान की जनता की उपेक्षा कर रहे राजस्थान सरकार की कैबिनट ने भी इसके लिए प्रस्ताव पास कर भेजा हुआ है। भारत सरकार द्वारा पूर्व में 16 बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया लेकिन ईआरसीपी को अभी तक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप-hindusthansamachar.in

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