अशोक गहलोत ने सम्पूर्ण कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों से झूठा वादा कर ठगा- डॉ. पूनियां
जयपुर, 31 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने किसान कर्जमाफी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि अपनी जिम्मेवारी केन्द्र सरकार पर डालकर मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है कि विधानसभा चुनाव-2018 के दौरान उन्होंने झूठ बोलकर प्रदेश के किसानों को ठगा था। डॉ. पूनियां ने कहा कि राहुल गांधी और अशोक गहलोत को किसानों के बारे में कुछ कहने का हक नहीं है। 50 वर्ष से अधिक समय तक बहुत लम्बा समय था, किसानों का कल्याण करते, नौजवानों का करते, देश में बदलाव लाते, लेकिन उन्होंने सिर्फ नारों, भावनाओं की राजनीति की, इस बात का इतिहास गवाह है। उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस हुआ कि मुख्यमंत्री इतना झूठ कैसे बोल सकते हैं, आज तक उन्होंने मेरी बात का जवाब नहीं दिया, इस देश में आपातकाल कौन लेकर आया, इस देश में भ्रष्टाचार के जितने मुद्दे थे विश्व रिकॉर्ड टूटा, उसका जवाब तो कभी नहीं देते। क्यों नहीं उन्होंने स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू की, कांग्रेस के अन्तर्राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी जी ने 10 दिन में सम्पूर्ण कर्जामाफी की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने एक लम्बा-चैड़ा पत्र प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखा, मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री इतने कमजोर हो गये कि अब वो चिट्ठियों का सहारा लेने लग गये। सम्पूर्ण कर्जामाफी की बात को गोल-माल करने के लिए वो यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिख दी कि राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्जा माफ किया जाये। इसका मतलब साफ है कि गहलोत ने प्रदेश के किसानों के वोट बटोरने के लिए सम्पूर्ण कर्जमाफी का झूठा वादा किया था और आज वो भाजपा पर तोहमत लगाते हैं। एक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जब भी गहलोत कमजोर होते हैं तो मोदी जी और अमित शाह जी पर झूठे आरोप लगाकर वो यह कहते हैं कि सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। इसका मतलब यह है कि वो अब गिरे-तब गिरे, कब गिरे इस आशंका में पिछले दो साल निकाल दिये। भाजपा तो तोहमत लगाने की एक कारक बन गई कि उनको एक ऐसा उपकरण मिल गया कि जिसके जरिए आरोप लगाओ और सहानुभूति बटोरो। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत अपनी जिम्मेदारी भारत सरकार पर क्यों डाल रहे हैं। उन्हें तो तुरन्त प्रभाव से अपनी सरकार के खजाने से प्रदेश के किसानों के कर्ज की राशि वाणिज्यिक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करवाकर अपना चुनावी वादा पूरा करना चाहिए, नहीं तो नैतिक आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। सरकार की वादाखिलाफी और अकर्मण्यता के कारण पिछले दो वर्षों में 4 दर्जन से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। डॉ. पूनियां ने कहा कि मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत केवल पिछले डेढ़ सालों में ही प्रदेश के किसानों के खाते में 64 लाख 40 हजार 687 किसानों के खातों में 5965 करोड़ रुपये की राशि डाली है। डॉ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत किसानों, आशा सहयोगिनियों, लगभग 2.5 करोड़ संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी तो कर ही रहे हैं साथ ही पटवारी से लेकर जेईएन तक की भर्तियों को लम्बित कर बेरोजगार युवाओं के सपनों पर भी कुठाराघात कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in