Election Result: 3 राज्यों में BJP की जीत के बाद, CM रेस में इन चेहरों का नाम आगे; जानें कौन होगा मुख्यमंत्री

Election Result 2023: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावो में तीन राज्यों में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। लेकिन बीजेपी में अभी तक सीएम पद के लिए सिर्फ कयास लगाए जा रहें है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावो में कई पार्टियों ने अपने स्तर पर जोर आज़माइश की। दो राज्यों में कांग्रेस और जेडपीएम ने बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। इन चुनावों में बीजेपी ने भी तीन राज्यों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। वहीं दो राज्य मिजोरम और तेलंगाना में जेडपीएम और कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने में कामयाबी पाई। एक तरफ जहां बीजेपी अभी तक तीन राज्यों में अपने पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा नामित नहीं कर पाई है। तो वहीं मिजोरम और तेलंगाना में बहुमत वाले दल मुख्यमंत्री शपथ आयोजित करने की तरफ अग्रसर है।

BJP ने दिग्गजों को उतारा विधानसभा चुनाव के मैदान में

भाजपा बहुत ही सोच विचार के साथ तीनो राज्यों में अपने मुख्यमंत्री के चेहरे का निर्णय लेगी। वे 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही अपना निर्णय लेंगे। भाजपा के लिए यह बहुत ही असमंजस की बात है। एक तरफ विधानसभा चुनाव जीतने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी के दिग्गजों को विधानसभा के चुनाव में उतार दिया। अब जब पार्टी पूर्ण बहुमत से जीत गई है तो उसके लिए बड़ी मुश्किल होती जा रही है कि किसको सीएम बनाया जाये। आइये जानते हैं भाजपा की सीएम की रेस में शामिल बीजेपी के दिग्गज, जिनमे से किसी तीन पर सजेगा सीएम का सरताज।

राजस्थान ये नाम है सीएम की रेस में!

राजस्थान बीजेपी में बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी का नाम प्रदेश के सीएम की दावेदारी के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में चल रहा है। ऐसा नहीं है कि सीएम रेस में केवल ये दो ही है, गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे भी सीएम की रेस में शामिल है। पार्टी के लिए सीएम के चेहरे पर निर्णय लेना बहुत ही चुनौती वाला काम है। बीजेपी की सीएम की रेस में शामिल दिग्गजों के बारें में जानें।

राजस्थान में बीजेपी की सीएम रेस में शामिल दिग्गज

दीया कुमारी

दिया कुमारी ने अपनी राजनीति की शुरुआत वर्ष 2013 में जयपुर में बीजेपी की सदस्यता लेकर की। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है और अपनी समाज सेवा से लोगो के बीच लोकप्रिय हैं। दीया कुमारी का जन्म 30 जनवरी 1971 को दिल्ली में हुआ था। वह राजस्थान के जयपुर में एक प्रतिष्ठित भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और होटल व्यवसायी रहे भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की बेटी है। दीया कुमारी ब्रिटिश राज के दौरान जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं। वह 2013 से 2018 तक सवाईमाधोपुर विधानसभा सीट से विधायक रही। 2019 से राजसमंद लोकसभा सीट से सांसद हैं। वर्तमान में दीया कुमारी ने राजस्थान की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव जीत लिया है। वह राजस्थान में सीएम की रेस में सब आगे है।

बाबा बालक नाथ भी सीएम की रेस में शामिल

बाबा बालक नाथ ने मात्र 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। तब से ही अपना जीवन समाजसेवा को समर्पित कर दिया और निरंतर अपनी सेवा देते आ रहे हैं। उनके माता पिता भी चाहते थे कि उनका बेटा देश और समाज के लिए कुछ करे, जिसके लिए उन्होंन बाबा बालक नाथ को महंत चांदनाथ को सौप दिया था। महंत चांदनाथ, बाबा बालक नाथ के गुरु थे। वर्तमान में महंत बालक नाथ हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ के मठाधीश तथा “बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय” के कुलाधिपति हैं। बाबा बालक नाथ का जन्म 16-अप्रैल-1984 को कोहराना, अलवर, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई अलवर राजस्थान से की। बाबा बालक नाथ वर्ष 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे, जिसमे उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र सिंह को भारी मतों से हराया था। जिसके बाद से वह राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ बनाते जा रहे है और अपने समाजसेवा के कार्यो से काफी प्रसिद्ध भी है। वह राजस्थान के अलवर से वर्तमान सांसद हैं। हाल ही में हुए विधानसभा सभा चुनाव में उन्होंने तिजारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है। बाबा बालक नाथ भी बीजेपी के सीएम की रेस में शामिल हैं। उन्हें राजस्थान का योगी आदित्यनाथ कहा जाता है।

गजेंद्र सिंह शेखावत

उनका जन्म भारत के राजस्थान राज्य के जैसलमेर में हुआ था । उन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से कला में स्नातकोत्तर और दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्रालय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत हैं वह जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद हैं। 2014 में वह जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। उन्होंने ने अपनी राजनितिक पारी में विभिन्न महत्वपूर्ण पद संभाले है। उन्होंने 1992 से अपनी राजनितिक जीवन की शुरुआत की और इसी वर्ष जेएनवीयू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए। वह अपना समाज सेवा के कार्य करते रहे और आज राजस्थान के सीएम की रेस में शामिल हैं।

मध्य प्रदेश में बीजेपी की सीएम रेस में शामिल दिग्गज

शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के बुधनी जिला में हुआ था। उनकी शिक्षा भोपाल से हुई। उन्होंने भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक के साथ स्नाकोत्तर की पढाई करी। उनकी स्कूली शिक्षा मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालय से हुई। शिवराज सिंह चौहान वर्ष 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे, तब से इसमें अपनी निरंतर सेवा दे रहे हैं। समाजसेवा में अपनी रूचि के कारण वर्ष 1975 में, उन्होंने मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी रखी और अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। वर्ष 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के आयोजन सचिव बने थे। शिवराज सिंह चौहान पांच बार सांसद का पदभार संभाल चुके हैं। प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभाल रहे हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के दम पर विधानसभा का चुनाव जीती है। बीजेपी ने यहां से भी किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया है। लेकिन शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के सीएम की रेस में सबसे ऊपर है। अगर शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम पद के लिए चुने जाते है तो यह उनका मुख्यमंत्री का पांचवा कार्यकाल होगा।

प्रहलाद सिंह पटेल

प्रहलाद सिंह पटेल का जन्म 28 जून 1960 को गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था। वह गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, जबलपुर से स्नातक हैं। वे पेशे से वकील हैं। उनकी समाजसेवा ही उन्हें राजनीति की तरफ खींच लाई। उन्होंने बी.एससी., एल.एल.बी. और एम.ए. (दर्शनशास्त्र) की शिक्षा आदर्श विज्ञान महाविद्यालय एवं यू.टी.डी. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश से प्राप्त की थी। प्रहलाद सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत 1982 में जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के रूप में की थी। वह 7 जुलाई 2021 से भारत के वर्तमान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं ।वर्तमान में वह मध्य प्रदेश के दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नरसिंहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी में एक लंबी राजनीतिक पारी खेली है। वह भी बीजेपी की सीएम पद की रेस में शामिल है।

नरेन्द्र सिंह तोमर

नरेन्द्र सिंह तोमर का जन्म 12 जून 1957 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने मध्य प्रदेश से अपनी स्नातक की पढाई पूरी करी। वह महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। शिक्षा पूरी करने के बाद वे ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वे पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय रहे और आज राजनीति में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं था। उनके जीवन में टर्निंग पॉइंट उस समय आया, जब उन्होंने जयप्रकाश नारायण के देशव्यापी आन्दोलन में भाग लिया। आपातकाल के दौरान कई दिग्गज नेताओ के साथ, नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी इस आन्दोलन में भाग लिया, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। उनकी पढाई भी छुट गई थी। वह अपने कॉलेज से छात्र संघ से तो जुड़े ही थे। आन्दोलन में सक्रीय होने और जेल जाने के कारण, उन्हें ग्वालियर से विधानसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिला। हालाकि वह यह चुनाव 600 वोट से बाबू रघुवीर सिंह से हार गए थे। लेकिन इस चुनाव से नरेन्द्र सिंह तोमर एक अच्छे राजनेता के रूप में उभर के आये। जिसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। वे मुरैना से वर्तमान सांसद हैं। हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दिमनी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। नरेन्द्र सिंह तोमर ने केंद्र में बहुत ही महत्वपूर्ण पारी खेली है, उनका नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल है।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सीएम रेस में शामिल दिग्गज

डॉ. रमन सिंह

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1952 को कवर्धा, मध्य प्रदेश में हुआ था, जो अब छत्तीसगढ़ में आता है। उन्होंने बीएएमएस की डिग्री वर्ष 1975 में प्राप्त की थी। इन्होंने 23 साल की उम्र में कवर्धा में चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की। एक डॉक्टर के रूप में उन्होंने गरीबो की बहुत सेवा की। इसी प्रसिद्धि के कारण वे प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे थे और निरंतर अपनी अमूल्य सेवा देते रहे। रमन सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य के तौर पर की थी। 1990 में डॉ. रमन सिंह मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य(विधायक) चुने गए थे। जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने भली भांति निभाई थी। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बहुत ही अच्छी राजनीतिक पारी खेली है। हाल ही में उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राजनंदगांव विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। इनका नाम छत्तीसगढ़ सीएम की रेस में सबसे ऊपर है।

अरुण साव

उनका जन्म 25 नवंबर 1968 को रायपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उनकी बी.कॉम और एल.एल.बी. की पढ़ाई एस.एन.जी. कॉलेज, मुंगेली, जिला. मुंगेली छत्तीसगढ़ और एवं के.आर. लॉ कॉलेज, बिलासपुर छत्तीसगढ़ से हुई। अरुण साव ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लोरमी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2019 से छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसद है। बीजेपी ने उन्हें छत्तीसगढ़ की लोरमी विधानसभा सीट से टिकट दिया था, जिसमे उन्होंने जित दर्ज की है। वह भी छत्तीसगढ़ के सीएम की रेस में शामिल हैं।

सरोज पांडे

सरोज पांडे का जन्म 22 जून 1968 को भिलाई, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उन्होंने अपनी एम.एससी. की शिक्षा पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर से पूरी की। उन्हें दुर्ग नगर निगम की मेयर के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है। उनके नाम एक ही समय में मेयर, विधायक और सांसद पद संभालने का विश्व रिकॉर्ड है। सरोज पांडे के नाम दुर्ग से सबसे लंबे समय तक मेयर रहने का रिकॉर्ड है। सरोज पांडेय बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं। इनका नाम भी छत्तीसगढ़ के सीएम की रेस में शामिल है।

लता उसेंडी

लता उसेंडी का जन्म 1 मई 1974 को ग्राम धौड़ाई में हुआ था। लता उसेंडी कोंडागांव सीट से तीसरी बार विधायक बनी है। वह 31 साल की उम्र में प्रदेश की रमन सरकार में मंत्री बनी थी। लता छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज से आती हैं। उन्हें जेपी नड्डा ने अपनी टीम में शामिल किया किया था। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। लता भी छत्तीसगढ़ की बीजेपी में सीएम की रेस में शामिल हैं।

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