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भारत के राजस्थान राज्य में 80 प्रतिशत ऊंट : रक्त व यूरिन की औषधीय उपयोगिता तलाशेगा एनआरसीसी

बीकानेर, 01 फरवरी (हि.स.)। भारत में ऊंटों की संख्या लगभग ढाई लाख के करीब है जिसमें से राजस्थान में सबसे अधिक लगभग 2.13 लाख तथा उसके बाद हरियाणा व गुजरात में ज्यादा ऊंट पाए जाते हैं। भारत में राजस्थान प्रदेश में ही लगभग 80 प्रतिशत से अधिक ऊंट पाए जाते हैं तभी तो 'रेगिस्तान के जहाज' नाम से ऊंट को दर्जा दिया गया है। किंतु देश में मशीनीकरण, चारागाह की कमी, शिक्षा एवं आधुनिकीकरण आदि कारणों से ऊंटों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। ऊंटों की संख्या में गिरावट के लिए विभिन्न बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर भी एक कारण है। ऊंट को अब औषधिक भण्डार के रुप में स्थापित करने के लिए बीकानेर संभाग मुख्यालय स्थित एशिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र [एनआरसीसी] के निदेशक डॉ.आर्तबंधु साहू ने कहा कि जाहिर तौर पर बदलते परिवेश में ऊंट की संख्या व उपयोगिता प्रभावित हुई है लेकिन केंद्र ने मधुमेह, क्षय रोग, एलर्जी, ऑटिज्म आदि मानवीय रोगों में ऊंटनी के दूध की लाभकारिता को सिद्ध किया है। उन्होंने बताया कि उष्ट्र दूग्ध के साथ अब रक्त व यूरिन की औषधीय उपयोगिता तलाशी जाएगी। डॉ. साहू ने कहा कि ऊंटपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में यह केेंद्र निरंतर कार्य कर रहा है। ऊंट राजस्थान राज्य का राज्य पशु है, इसे एक गाइड लाइन तय करते हुए विक्रय करने पर विचार किया जाना चाहिए। जिससे ऊंट पालकों को लाभ मिलेगा एवं इस प्रजाति की संख्या में भी वृद्धि हो सकेगी। डॉ. साहू ने यह भी कहा कि उष्ट्र प्रजाति की घटती संख्या के मद्देनजर इसकी उपयोगिता बनाए रखने हेतू प्रजाति की औषधीय उपयोगिता पर यह केेंद्र सतत् रुप से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एनआरसीसी द्वारा ऊंट प्रजाति को बचाने हेतू हरसंभव अनंसधानिक दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक पहलूओं से जुड़े शीघ्र एवं बेहतर परिणाम हेतू समन्वयात्मक अनुसंधान को तरजीह दी जाएगी। भारत में ऊंटों की मुख्यत: चार नस्ल 'रेगिस्तान का जहाज' ऊंट गर्म और शुष्क रेगिस्तानी क्षेत्र का पशु है जो चारे और पानी की कमी में भी आसानी से रह सकता है। भारत में ऊंटों की मुख्यत: चार नस्ल (बीकानेरी, कच्छी, मेवाड़ी और जैसलमेरी) पायी जाती है। रेगिस्तान के निवासियों के अस्तित्व को बनाए रखने के साधन के रुप में इसके महत्व के कारण प्राय: ऊंट जनजातियों की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत मेें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in

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