वैटनरी यूनिर्वसिटी ने मुर्गी पालकों, उपभोक्ताओं व कर्मियों के लिए जारी की एडवाईजरी
लुधियाना, 10 जनवरी ( हि.स) देश में पहले से ही चल रहे कोविड- 19 संकट के बीच बर्ड फ्लू की एक और समस्या ने पंजाब और भारत के कई अन्य राज्यों को प्रभावित किया है। हालांकि पंजाब में बर्ड फ्लू की कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन हमारे पोल्ट्री उत्पादकों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। बर्ड फ्लू एक पक्षी रोग है जो एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस के कारण कई तरह के पक्षियों को प्रभावित कर सकता है। जिनमें जंगली पक्षी, टर्की, बतख, मुर्गी और बतख शामिल हैं। यह वायरस संक्रमित पक्षियों की नस, नाक और लार में पाया जाता है। दूषित फ़ीड, पानी, उपकरण या सीधे संपर्क के संपर्क में आने पर स्वस्थ पक्षी बीमार हो जाते हैं। यह बीमारी इंसानों में नहीं होती है, हालांकि, पक्षियों के निकट संपर्क में काम करने वाले लोगों को सही स्वच्छता और सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। गुरू अंगद देव वैटनरी एंड एनीमल साईसज यूनिर्वसिटी के डाक्टर जसवीर सिंह बेदी ने बताया कि उपभोक्ताओं को इसका इस्तेमाल करने से पहले पोल्ट्री और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स (अंडे सहित) अच्छी तरह से पकाना चाहिए। 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक ठीक से खाना पकाने से इन्फ्लूएंजा वायरस समाप्त हो जाता है। वायरस की मुर्गीखाने से मुर्गीखाने तक पहुंच आम तौर से जीवत पंछियों, लोगों व दूषित वाहनों, उपकरणों इत्यादि की आवाजाई से होती है। पोल्ट्री फार्मों में व्यक्तियों या वाहनों के प्रवेश को विनियमित किया जाना चाहिए । हिन्दुस्थान समाचार / गौतम / नरेन्द्र-hindusthansamachar.in