पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने पीजीटी परीक्षा पैटर्न बदलने जाने पर एग्जाम पर लगाई रोक

दिसंबर 2022 में एचपीएससी ने 50 प्रतिशत अंक लाने जरूरी और नेगेटिव मार्किंग को शामिल कर तीसरी बार पदों को लेकर विज्ञापन जारी किया गया।
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट

चंडीगढ़, एजेंसी। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पीजीटी अध्यापकों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह फैसला परीक्षा पैटर्न बदले जाने के कारण लिया है। हरियाणा की पीजीटी की भर्ती पिछले चार साल से लंबित है।

2021 में फिर इन्हीं पदों का दोबारा विज्ञापन निकाला गया

सबसे पहले 2019 में पीजीटी के 4476 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इसके बाद वर्ष 2021 में फिर इन्हीं पदों का दोबारा विज्ञापन निकाला गया। पहले भर्ती की जिम्मेदारी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को दी गई थी, लेकिन सरकार ने फैसला लिया कि ग्रुप ए और बी की भर्ती हरियाणा लोक सेवा आयोग करेगा।

मार्च 2023 में भर्ती वापस ले ली गई

दिसंबर 2022 में एचपीएससी ने 50 प्रतिशत अंक लाने जरूरी और नेगेटिव मार्किंग को शामिल कर तीसरी बार पदों को लेकर विज्ञापन जारी किया गया। मार्च 2023 में भर्ती वापस ले ली गई। 20 मार्च 2023 को नया नियम बनाया कि परीक्षा मल्टीपल च्वॉइस नहीं, विस्तृत होगी। 29 मार्च को फिर इसमें संशोधन कर कहा कि पीजीटी के लिए एक प्रारंभिक और दूसरी मुख्य परीक्षा यानी दो परीक्षाएं होंगी।

नवंबर 2020 में पदों को भरने की जिम्मेदारी एचपीएससी को दी गई

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता पूनम ने बताया कि अगस्त 2019 में हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) ने पीजीटी के विभिन्न विषय के शिक्षकों के पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। नवंबर 2020 में पदों को भरने की जिम्मेदारी एचपीएससी को दी गई और इसके लिए फिर से विज्ञापन जारी किया गया। भर्ती को पूरा करने के लिए दिसंबर 2022 में परीक्षा का पैटर्न जारी किया। इसके अनुसार 150 मल्टीपल च्वॉइस प्रश्न पूछे जाने थे।

परीक्षा को दो चरणों में विभाजित कर दिया गया

इसके बाद 20 मार्च को एचपीएससी ने परीक्षा की नई योजना जारी कर दी। इसके अनुसार परीक्षा को दो चरणों में विभाजित कर दिया गया। इसके तहत प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा आयोजित करना तय किया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद इस प्रकार नियमों में बदलाव करना सही नहीं है।

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