प्रोजेक्ट टाइगर के पूरे हुए 50 साल, 9 अप्रैल को पीएम मोदी जारी करेंगे सिक्का

एक अप्रैल 1973 में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत 18278 वर्ग किमी में फैले 9 टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया था। इस दिशा में सार्थक सफलता हासिल हुई है।
प्रोजेक्ट टाइगर के हुए 50 साल
प्रोजेक्ट टाइगर के हुए 50 साल

नई दिल्ली, एजेंसी। देश में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर केन्द्र सरकार 9 अप्रैल को मैसूर में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होकर देश में बाघों की संख्या का ताजा आंकड़ा जारी करेंगे। इसके साथ ही प्रोजेक्ट को याद करते हुए एक सिक्का भी जारी किया जाएगा। आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस समय 3000 बाघ हैं, जो दुनिया में बाघों की आबादी का 70 फीसदी है। बाघों की ये आबादी हर साल 6 फीसदी की दर से बढ़ रही है।

मौजूदा समय में बाघों की आबादी हर साल 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य सचिव एसपी यादव ने बताया कि मौजूदा समय में बाघों की आबादी हर साल 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। प्रोजेक्ट टाइगर बाघों को विलुप्त होने के कगार से वापस लाने में सफल रहा है। एक अप्रैल 1973 में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत 18278 वर्ग किमी में फैले 9 टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया था। इस दिशा में सार्थक सफलता हासिल हुई है। आज 50 साल बाद यह टाइगर रिजर्व की संख्या 53 हो गई है जो 75,500 वर्ग किमी में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय सभी संभावित बाघ आवासों को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के कवरेज के तहत ला रहा है ताकि बाघों की आबादी को स्थायी आधार पर संरक्षित किया जा सके।

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