नई दिल्ली रफ्तार न्यूज: कुछ दिन पहले गाजियाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को अचंभे में डाल दिया। दरअसल हुआ कुछ यूं कि एक 14 साल के बच्चे की मौत रेबीज से हो गई। मामला ऐसा था कि बच्चों को करीब 40 दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था लेकिन बच्चे ने अपने घर वालों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उसे डर लग रहा था कि घर पर कहीं डांट ना पड़ जाए। इसके बाद बच्चे धीरे-धीरे हालत बिगड़ने लगी और एक दिन उसे पानी से डर लगने लगा। उसके मुंह से झाग निकलने लगा, साथ ही वह अजीब से हरकतें करने लगा इतना ही नहीं वह जब बोलता तो कुत्ते जैसी आवाज में बोलता। जब जानकारी हुई तो उसे फटाफट अस्पताल ले जाया गया जहां एम्स के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। लेकिन इलाज काम ना आया। क्योंकि उसके पूरे शरीर जहर फैल चुका था। इसलिए उसने दम तोड़ दिया।
रेबीज से होने वाली मौतें :
आए दिन हम यह सुनते रहते हैं कि कुत्ते ने एक मासूम को अपना शिकार बना लिया । एक कुत्ते ने बुजुर्ग को काट लिया ऐसी खबरें तमाम मिलती रहती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक हर साल दुनियाभर में करीब 59000 मौतें रेबीज के कारण होती है। हालांकि इसमें से 99% कुत्ते काटने से होती हैं। और 1% व बाकि जानवरों के काटने से होती है। आपको बता दें कि सिर्फ कुत्ते के काटने से ही रेबीज नहीं होता बल्कि अन्य जानवरों के काटने से भी रेबीज ही होता है।
रेबीज होने पर लक्षण :
रेबीज होने पर इसके लक्षण इस प्रकार दिखाई देते हैं। मरीज के शरीर में तेज दर्द महसूस होने लगता है, इसके साथ ही पूरी बॉडी में थकावट रहने लगती है। मरीज को तेज बुखार आने लगता है। हवा और पानी से डर लगने लगता है। मरीज हमेशा अंधेरे में रहने कोशिश करता है। अजीब अजीब हरकतें करता है। मुंह की मांसपेशियों के पशुपत से मुंह खुला रहेगा। मुंह से कुत्ते जैसी आवाज निकालने लगेगी कभी-कभी मुंह से झाग निकलेगा और हमेशा लाल टपकती रहेगी।
किन- किन जानवर के काटने से होता है रेबीज :
अभी तक आपने रेबीज के जितने भी मामले सुने होंगे। उनमें से ज्यादातर कुत्तों के काटने के से रेबीज फैलता है। लेकिन हालांकि ऐसा नहीं है कई ऐसे जानवर है जिनके काटने से खरोचने से या फिर उनके संपर्क में आने से रेबीज फैलता है। साफ शब्दों में कहें तो अगर आप किसी का कुत्ता ,बिल्ली, बंदर, नेवला ,लोमड़ी ,सियार या फिर गिलहरी, चूहा और खरगोश द्वारा काटा जाता है , खरोंच आती है तो रेबीज की बीमारी हो सकती है।