
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मणिपुर में लगातार दो समुदायों के बीच हिंसा जारी है। इस हिंसा को होते हुए आज गुरुवार को 3 महीने पूरे हो गए है। गुरुवार को एक बार फिर बिष्णुपुर में सुरक्षाबलों और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प देखने को मिल है। यहां से ताबड़तोड़ गोलीबारी की घटना सामने आई है। इसके बाद स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान लगभग 17 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है। इसके बाद सरकार ने इंफाल और पश्चिमी इंफाल जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील वापस ले ली गई है।
महिलाओं ने सुरक्षाबलों पर किया पथराव
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मैतेई समुदाय की महिलाओं ने बिष्णुपुर में बने बफर जोन को पार करने की कोशिश कर रही थी। इस दौरान ही असम राइफल्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की। महिलाओं ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद सशस्त्र बलों ने पहले मिर्च का स्प्रे कर भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े।
क्या है मामला?
दरअसल, मणिपुर में 3 मई 2023 में शुरू हुई मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा अब तक जारी है। यह हिंसा मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने के मांग के साथ शुरू हुई थी। इस हिंसा में अब तक लगभग 150 से ज्यादा लोगो की मौत और लगभग एक हजार ज्यादा लोग घायल हो चुके है। इसके साथ ही इस संघर्ष में क़रीब 60,000 लोग बेघर हो गए हैं। शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने संसद में बताया कि हिंसा से 14,763 स्कूली छात्रों को विस्थापित किया गया है। इनमें से 93% छात्रों ने राहत शिविरों के पास मौजूद स्कूलों में फ्री दाखिला ले लिया है।