नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट पर किसका होगा राज? स्थानीय लोगो का बढ़ा न्याय के प्रति विश्वास

Loksabha Election: महाराष्ट्र की गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट वर्ष 2014 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है।
नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट पर किसका होगा राज? स्थानीय लोगो का बढ़ा न्याय के प्रति विश्वास
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। महाराष्ट्र की गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट नक्सल प्रभावित है। लेकिन बीते कुछ सालों से इस सीट के हालात में काफी बदलाव आया है। सरकार चाहे किसी की भी हो सुरक्षाबलों ने यहां पर नक्सलियों पर सख्त कार्रवाई की है और बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया है। जिसकी वजह से यहां पर विकास के कार्यों में बल मिला और इस लोकसभा सीट में विकास के कार्यों में काफी तेजी आयी।

सरकार किसी की भी हो सुरक्षाबलों की कार्रवाई में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं है

गढ़चिरौली में नक्सलियों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई वर्ष 2018 में देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के सीएम रहने के दौरान हुई, जिसमे सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में 39 नक्सली मार गिराए थे। मारे गए नक्सलियों में 20 महिला और 19 पुरुष नक्सली शामिल थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के सीएम रहते हुए भी वर्ष 2021 में गढ़चिरौली की धानोरा तहसील में भी एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने 26 नक्सली मार गिराए थे। यहां कहने का मतलब है कि सरकार किसी की भी हो सुरक्षाबलों की कार्रवाई में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं है।

स्थानीय लोग खुद आगे बढ़कर नक्सलियों की पुरानी स्मारकों को गिराने में लगे हैं

सरकार की पहल के बाद यहां की जनता खुद नक्सलियों की सूचना पुलिस को देने लगे हैं। सरकार ने यहां के स्थानीय लोगो का विश्वास जीता है। कुछ वर्ष पहले लोगो को न्याय दिलाने के लिए जिला अदालत की शुरुआत करके सरकार ने स्थानीय लोगो के लिए न्याय का बड़ा कार्य किया है। इसके कारण सुरक्षाबलों द्वारा पकडे गए असली नक्सलियों को सजा दिलाने में बड़ी मदद मिली है। पहले नक्सली स्थानीय लोगो को बहला फुसलाकर या धमकाकर अपनी गैरकानूनी गतिविधियों में उन्हें शामिल कर लेते थे। लेकिन सरकार की मदद से स्थानीय लोगों का मनोबल इतना बड़ा है कि यहां के स्थानीय लोग खुद आगे बढ़कर नक्सलियों की पुरानी स्मारकों को गिराने में लगे हैं।

कांग्रेस ने डॉ.नामदेव दासाराम किरसन को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है

महाराष्ट्र की गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट वर्ष 2014 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है। भाजपा ने वर्ष 2014 से लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीतते आ रहे अपने सांसद अशोक नेते को इस बार भी गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट से अपना प्रत्यासी बनाया है। वहीं महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग में यह सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है। कांग्रेस ने डॉ.नामदेव दासाराम किरसन को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

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