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मराठा आरक्षण से संबंधित विभिन्न संवैधानिक मुद्दों पर होगा राष्ट्रीय स्तर पर विचारः अशोक चव्हाण

मुंबई, 10 मार्च (हि.स.)। महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री व कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने बुधवार को विधान सभा में कहा कि मराठा आरक्षण से संबंधित विभिन्न संवैधानिक मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर विचार किया जाएगा। निजी पक्षकारों का कहना भी सुना जाएगा। मराठा आरक्षण के बारे में उठाए गए विभिन्न संवैधानिक मुद्दे अब महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रह गए हैं। इसका राष्ट्रीय स्तर पर विचार किया जाएगा। चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट देश के सभी संगठनों के साथ ही निजी पक्षकारों का कहना भी सुनेगा। जा मराठा आरक्षण से संबंधित सभी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने का सुनहरा अवसर मिला है। चव्हाण ने बताया कि राज्य सरकार भी पूरी मजबूती के साथ मराठा आरक्षण को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। इंद्रा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए निर्णय पर पुनर्विचार होने की संभावना निर्माण होने के कारण क्या 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं, इस पर भी चर्चा का अवसर उपलब्ध हुआ है। मौजूदा समय में देश के 11 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण भी दिया जा रहा है। हमारे देश में लगभग 28 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में संभावना निर्माण हुई है कि यह सभी राज्य महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की भूमिका का समर्थन करेंगे। इससे महाराष्ट्र द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले पक्ष को मजबूती मिलेगी। सदन के बाहर अशोक चव्हाण ने पत्रकारों को बताया कि सुना है नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लानेवाले हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं। विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव जरूर लाएं। हमें उस पर उत्तर देने मौका मिलेगा। चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सदन में नियमों व कानून के आधार पर जानकारी दी है। यह उनका व्यक्तिगत कथन नहीं है। हमें किसी को गुमराह नहीं करना है। उन्होंने दस्तावेजों और एक्ट के आधार पर मराठा आरक्षण के संबंध में जानकारी दी है। मराठा आरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार को सकारात्मक भूमिका अपनानी चाहिए थी, लेकिन एेसा नहीं किया गया। उन्होंने फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक भूमिका पर रहना चाहिए। लेकिन भाजपा राज्य में कुछ, विधान सभा में अलग, मीडिया में कुछ और केंद्र में अलग भूमिका अपना रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय /राजबहादुर

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