बगावत के बाद पहली बार हुई चाचा-भतीजे की मुलाकात
बगावत के बाद पहली बार हुई चाचा-भतीजे की मुलाकात

Maharashtra Politics: बगावत के बाद पहली बार हुई चाचा-भतीजे की मुलाकात, अजित ने कही ये बात

Maharashtra Politics: सियासत भी अजब-अजब रंग दिखाती है। महाराष्ट्र की सियासत में भतीजे की बगावत के बाद पहली बार चाचा और भतीजे मिले। इसके बाद एक लेटर का भी अदान प्रदान हुआ।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सियासत भी अजब-अजब रंग दिखाती है। महाराष्ट्र की सियासत में भतीजे की बगावत के बाद पहली बार चाचा और भतीजे मिले। इसके बाद एक लेटर का भी अदान प्रदान हुआ। इसको लेकर कई तरह की अफवाह मार्केट में तैर रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार की। हाल में ही दो जुलाई को बगावत के बाद शरद पवार और अजित पवार आमने सामने हुए। इसके बाद शरद पवार ने अजित पवार को एक लेटर भी दिया जिसे उन्होंने मीडिया के सामने दिखाया। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम।

सुप्रिया सेले भी थीं मौजूद

दरअसल, शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार की सर्जरी के बाद अजित उनसे मिलने गए थे। इसी घटनाक्रम के दौरान शरद पवार ने अजित को एक शिक्षा विभाग का पत्र सौंपा जिसे अजित पवार ने मीडिया के सामने दिखाया है। इसके बाद से ही सियायत के जानकार कई तरह की चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि इस दौरान सुप्रिया सेले भी मौजूद थीं। अजित ने चाचा को अपना प्रेरणास्रोत भी बताया और उनकी तस्वीर इस्तेमाल करने की बात भी स्वीकारी.

वित्त विभाग के कामकाज की शुरुआत की

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) से बगावत कर उप मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अजित पवार ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय स्थित कार्यालय में अपने चाचा और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की तस्वीर लगाकर वित्त विभाग के कामकाज की शुरुआत की। अजीत पवार ने वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश भी दिए, लेकिन अजीत के कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर के बाद राजनीतिक हलके में अलग-अलग चर्चा होने लगी है।

चाचा-भतीजे में बढ़ गई थी कड़वाहट

दरअसल अजीत पवार ने 30 जून को अपने आवास पर बैठक कर शरद पवार को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने और प्रफुल्ल पटेल को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव पास किया था और इसे चुनाव आयोग के पास भेज दिया था। इसके बाद शरद पवार की ओर से इस प्रस्ताव को चुनौती दी गई है। चुनाव आयोग ने भी अजीत पवार और शरद पवार को अपने-अपने समर्थकों का शपथपत्र सौंपने को कहा था। इस तरह चाचा-भतीजे में कड़वाहट बढ़ गई थी, लेकिन पवार परिवार की ओर से दोनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच शुक्रवार सुबह शरद पवार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शपथपत्र सौंपने की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की।

कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर लगाई

उल्लेखनीय है कि शरद पवार ने आदेश दिया था कि अजित पवार गुट के कार्यक्रम के पोस्टर पर उनकी (शरद पवार) तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लेकिन पार्टी के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद के बीच अजित पवार ने मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर लगाई है। इस पर अभी तक शरद पवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि इस पर अलग-अलग तरह की चर्चा जरूर होने लगी है। दबी जुबान में कुछ लोग कह रहे हैं कि धीरे-धीरे राकांपा में चल रहा स्वामित्व का विवाद अपने आप सुलझ जाएगा और शरद पवार एवं अजीत पवार फिर से एक हो जाएंगे। जबकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह सब शरद पवार के ही इशारे पर हो रहा है। समय आने पर सब साफ हो जाएगा।

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