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नवी मुंबई हवाईअड्डे के नामकरण को लेकर घमासान, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

मुंबई, 30 अप्रैल (हि.स.)| महाराष्ट्र के नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इसके नामकरण पर घमासान शुरू हो गया है। सिडको संचालक मंडल ने हवाईअड्डे का नामकरण 'बाला साहेब ठाकरे' के नाम पर करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। इसके कारण शुक्रवार को स्थानीय निवासियों ने विरोध करते हुए डीबी पाटिल के नाम का बोर्ड निर्माणाधीन हवाईअड्डे पर लगा दिया है। हवाईअड्डे के निर्माण कार्य की नोडल एजेंसी सिडको ने 2021 के आखिर तक इस हवाईअड्डे से उड़ान शुरू करने का लक्ष्य तय किया है। उससे पहले ही इसके नामकरण को लेकर घमासान मचा हुआ है। शिवसेना के नेता एवं राज्य सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्र लिखकर नवी मुंबई हवाईअड्डे का नाम बालासाहेब ठाकरे को समर्पित करने की मांग की थी। इसके बाद सिडको संचालक मंडल की बैठक में प्रस्ताव मंजूर कर राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की जानकारी स्थानीय निवासियों को होने के बाद निर्माणाधीन स्थल के बाहर डीबी पाटिल के नाम का बोर्ड लगा दिया है। स्थानीय निवासियों ने हवाईअड्डे का नाम डीबी पाटिल के नाम पर करने की मांग की है। उनका का कहना है कि अब तक नवी मुंबई के किसी भी बड़े प्रोजेक्ट का नाम डीबी पाटिल को समर्पित नहीं किया गया है। नवी मुंबई के निर्माण के समय जब सिडको ने जब सख्ती से भूमि अधिग्रहण किया था, उस वक्त स्थानीय निवासियों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर डीबी पाटिल ने संघर्ष किया था। इसलिए उनके नाम पर ही हवाईअड्डे का नाम होना चाहिए। आगरी समाज परिषद के अध्यक्ष श्याम म्हात्रे ने बहुत पहले ही केंद्रीय नागरी उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखा था। उल्लेखनीय है कि डीबी पाटिल यहां के सांसद थे। उन्होंने नवी मुंबई के प्रस्तावित हवाईअड्डा सहित कई अन्य योजनाओं से विस्थापित हुए ग्रामीणों के अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। वर्ष 2018 में पनवेल के कार्यक्रम में रायगढ़ के तत्कालीन सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने स्पष्ट किया था कि मुंबई के हवाईअड्डे के विकल्प के रूप में नवी मुंबई में नए हवाईअड्डे का निर्माण किया जा रहा है। इसलिए इस नए हवाईअड्डे को भी मुंबई की ही तरह छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ ज्योति

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