महाराष्ट्र, रफ्तार डेस्क। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के श्रीराम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर राजनीति गरम हो गई है। दरअसल महाराष्ट्र में भाजपा नेता ने भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सरकार से मांस व शराब की विक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। जिसके बाद एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक डॉ. जितेंद्र आव्हाण ने कहा कि श्रीराम खुद मांसाहारी थे। उनके इस बयान के बाद इसे लेकर भाजपा और संतों ने पलटवार किया। विवाद बढ़ता देखकर एनसीपी विधायक ने यूटर्न लेते हुए माफी मांग ली है।
क्या था पूरा मामला?
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश भर में चल रही चर्चा के बीच महाराष्ट्र से एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि भगवान राम शाकाहारी नहीं, बल्कि मांसाहारी थे। उन्होंने जनता से सवाल पूछते हुए कहा कि श्रीराम 14 सालों तक जंगल में रहे और शिकार न किए हो, ऐसा कैसे हो सकता है। जिसके बाद उनके इस बयान को लेकर महाराष्ट्र सियासत तेज हो गई। बीजेपी नेताओं ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन कर उनसे मांफी की मांग की और उनके खिलाफ महाराष्ट्र में प्राथमिकी ( FIR) भी दर्ज की गई। बवाल बढ़ता देख और उनके खिलाफ महाराष्ट्र में प्राथमिकी ( FIR) भी दर्ज की गई आपने बयान से यू टर्न मार लिया।
कभी-कभी गलती हो जाती है...
हालांकि, उन्होंने पहले कहा था कि वे अपने बयान पर माफी नहीं मांगने वाले हैं। जितेंद्र आव्हाड आपने बयान पर कायम थे लेकिन अब उन्होंने यू टर्न ले लिया है। आज (गुरुवार) को उन्होंने आपने विवादित बयान के लिए माफी मांगते हुए सफाई दी। जितेंद्र ने कहा है, "भाषण के समय मैं बोलते चला गया। जिससे कभी-कभी गलती हो जाती है... अपने बयान के लिए माफी मांगता हूं।"
जितेंद्र के बयान पर क्या था अजीत गुट के नेताओं रूख
आपको बता दें कि भगवान राम पर जितेंद्र आव्हाड के विवादित बयान को लेकर बीजेपी और एनसीपी अजित पवार गुट के नेताओं में भी नाराजगी थी। अजिट गुट की एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में आव्हाड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। महाराष्ट्र बीजेपी ने भी एनसीपी नेता के बयान पर पलटवार किया। पार्टी की राज्य इकाई ने बुधवार (3 जनवरी) को एक्स पर लिखा, 'जितेंद्र आव्हाड आपका सार्वजनिक विरोध! आपने आज भगवान रामचन्द्र को याद किया। आचरण और विचार की तरह ही आपके विचारों में भी राम की अपेक्षा रावण अधिक प्रमुखता से दिखाई देता है। हमें नहीं पता कि हिंदू देवताओं का अपमान करने में उन्हें कौन सी खुशी मिलती है। झूठा और सुविधाजनक इतिहास लिखने की आप लोगों की पुरानी चाल को राम भक्त बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रभु श्री रामचन्द्र आपको अपने चरणों में सद्बुद्धि दें!"
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