मुंबई, (हि.स.)। उल्हासनगर गोलीकांड मामले में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक गणपत गायकवाड सहित पांच आरोपितों को भारी सुरक्षा के बीच उल्हासनगर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी को 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है।
पुलिस ने सभी को भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच कोर्ट में पेश किया
उल्हासनगर के हिललाइन पुलिस स्टेशन में शिंदे गुट के शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ पर फायरिंग के मामले में 3 फरवरी को गणपत गायकवाड़ सहित अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। उस समय कोर्ट ने इन सभी आरोपितों को 12 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। इन आरोपितों की पुलिस कस्टडी आज खत्म होने के बाद पुलिस ने सभी को भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच कोर्ट में पेश किया।
आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में भेज दिया गया है
इस मामले में अभी भी तीन आरोपित फरार हैं लेकिन पुलिस ने इन पांचों की पुलिस कस्टडी की मांग नहीं की। इसलिए कोर्ट ने विधायक गणपत गायकवाड़, उनके ड्राइवर रंजीत यादव, बॉडीगार्ड हर्षल हर्षल केने, विक्की गणात्रा, संदीप सरवणकर को 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है।
थाने के अंदर शिवसेना के महेश गायकवाड़ पर चलाईं थी गोलियां
उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधायक गणपत गायकवाड़ ने उल्हासनगर इलाके में हिल लाइन पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के कक्ष के अंदर शिवसेना के महेश गायकवाड़ पर गोलियां चलाईं थी। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर राज्य में अपराधियों को सह देने का आरोप भी लगाया था। कारण कुछ भी हो, कानून हाथ में लेना भी अपराध ही है। खुद किसी पर गोलियां चला देना और फिर मुख्यमंत्री पर अपराधियों को सह देने की बात करना कोई तर्क संगत नहीं है। आखिर इसका नतीजा अब उन्हें कोर्ट के चक्कर काटकर भुगतना होगा। कोर्ट जल्द ही मामले की सुनवाई करके आरोपियों को सजा सुना देगा। इसमें एक बात जरूर ध्यान देने वाली है कि अपराध का मार्ग सिर्फ और सिर्फ सजा में जाकर ही समाप्त होता है।
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