एक अगस्त को दूध की कीमतों को लेकर महायुति का राज्यव्यापी आंदोलन
मुंबई, 26 जुलाई (हि. स.)। महाराष्ट्र सरकार द्वारा दूध उत्पादकों की मांग को मंजूर न किए जाने पर महायुति में शामिल भाजपा, रयत क्रांति, आरपीआई (ए) रासप और शिवसंग्राम ने 1 अगस्त को राज्यभर में आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। यह जानकारी भाजपा प्रदेश महासचिव विधायक सुजीतसिंह ठाकुर ने दी है। महायुति की ओर से स्पष्ट किया गया है कि दूध उत्पादकों की विभिन्न मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए महायुति की ओर से बीते 21 जुलाई को आंदोलन किया गया था। दूध उत्पादकों की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भी भेजा गया था। सरकार द्वारा मांग न मान्य करने पर 1 अगस्त को तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी सरकार को दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा दूध उत्पादकों की मांग पर ध्यान न देने के कारण महायुति में शामिल पार्टियों ने तीव्र आंदोलन करने का निर्णय लिया है। यह आंदोलन पूरी तरह से अहिंसक रहेगा। सुजीतसिंह ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दूध पावडर का आयात न करने के बावजूद गलत जानकारी फैलाकर केंद्र पर जिम्मेदारी डालने का प्रयास किया जा रहा है। ठाकुर के अनुसार कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन में दूध की मांग कम होने से दूध उत्पादक बड़े संकट में हैं। अब ऐसी परिस्थिति हो गई है कि होटल व अन्य व्यवसायिकों की ओर से खरीददारी न करने के कारण दूध का भाव 16 से 17 रूपए तक गिर गया है, जिससे उत्पादन का खर्च भी वसूल नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार ने 25 रूपए प्रतिलीटर के हिसाब से दूध की खरीददारी करने की घोषणा की थी। लेकिन कुछ निश्चित किए गए दूध संघों की ओर से ही सरकार के लिए दूध की खरीददारी की जा रही है। इससे राज्यभर के अन्य दूध उत्पादकों पर अन्याय हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में दूध उत्पादक किसानों को प्रतिलीटर 10 रुपए का अनुदान सीधा उनके बैंक खाते में जमा किया जाए। दूध पावडर के निर्यात के लिए प्रतिकिलो 50 रुपए अनुदान दिया जाए साथ ही गाय के दूध के लिए 30 रुपए दिए जाएं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटील, विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, महादेव जानकर, सदाभाऊ खोत, विनायक मेटे, अविनाश महातेकर, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अनिल बोंडे सहित अन्य नेताओं के साथ हुई बैठक में आंदोलन का फैसला किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय/राजबहादुर-hindusthansamachar.in