नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सरकार ने शनिवार को प्याज के निर्यात पर लगाया हुआ बैन हटा दिया। यह कदम महाराष्ट्र के व्यापारियों के लिए चैन की सांस के बराबर है। यह फैसला लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण से पहले आया है। और तीसरे चरण में चुनाव महाराष्ट्र उन सीट पर ज्यादा है जहां प्याज की पैदावार ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार यह कदम एक राजनीतिक कदम है। क्योंकि अगले चरण में चुनाव महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर हैं।
सरकार ने सीमित किया निर्यात
विदेश व्यापार महानिदेशक ने एक नोटिफिकेशन जारी कर, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य $550 प्रति टन रखा है। प्याज के निर्यात पर पाबंदी को आंशिक रूप से हटाते हुए और बांग्लादेश, श्री लंका और यूएई समेत कई अन्य देशों के अनुरोध पर सीमित निर्यात की मंजूरी दी है। सरकार ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि निर्यात से बेशक व्यापारियों को फायदा हो, लेकिन देश में प्याज की कमी न आए इसलिए निर्यात पर सीमा लगाई गई है। चुनावी मौसम के दौरान खाद्य पदार्थों के दाम में बढ़ोत्तरी से साफ तौर पर सरकार को राजनीतिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
निर्यात पर पाबंदी हटने से व्यापारियों को होगा फायदा
प्याज के व्यापारी और खेती करने वाले किसान, खासतौर से जो महाराष्ट्र से है वह इस पाबंदी को हटाने की डिमांड कर रहे थे। उनका तर्क था कि इससे उन्हें प्याज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। जिससे उनका जीवन बेहतर हो सकेगा। उन्हें उनकी मेहनत का ज्यादा दाम मिलेगा। लेकिन सरकार के भी इस वक्त हाथ बंधे हुए हैं। सरकार पूर्ण रूप से निर्यात पर लगी पाबंदी को नहीं हटा सकती। क्योंकि पूर्णरूप से पाबंदी के हटाने से देश में प्याज की कमी हो सकती है, जिससे प्याज की कीमत बढ़ जाएगी। और ऐसा खतरा सरकार चुनावी मौसम के दौरान नहीं उठाना चाहती। इसलिए आंशिक रूप से पाबंदी को हटाया गया है।
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