
मुंबई, हिन्दुस्थान समाचार। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में फूट के चलते मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट ने नासिक राकांपा कार्यालय पर कब्जा जमा लिया है। इस कार्यालय में अजीत पवार और छगन भुजबल समर्थक सुबह से ही शरद पवार समर्थकों को घुसने नहीं दे रहे हैं। इससे नासिक में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और पुलिस मौके पर मौजूद है। राकांपा के दोनों गुटों में बढ़ते संघर्ष की वजह से मुंबई में शरद पवार के आवास सिलवर ओक पर भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अजीत पवार के नेतृत्व में होने वाली है बैठक
नासिक राकांपा कार्यालय पर मंगलवार को शरद पवार गुट के कार्यकर्ता बैठक करने वाले थे। इसी वजह से आज सुबह से ही नासिक राकांपा कार्यालय पर अजीत पवार गुट ने कब्जा जमा लिया। अजीत पवार समर्थक अंबादास खैरे ने कहा कि इस कार्यालय में आज कोई बैठक नहीं होगी। बुधवार को मुंबई में बांद्रा में ही अजीत पवार के नेतृत्व में बैठक होने वाली है। हालांकि, शरद पवार समर्थकों ने इस बाबत कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
अजीत पवार समर्थक गुजर को पार्टी से कर दिया निलंबित
राकांपा के नागपुर कार्यालय पर भी इसी तरह का कब्जा अजीत पवार समर्थकों ने जमाया था। इसी वजह राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने नागपुर के अजीत पवार समर्थक गुजर को पार्टी से निलंबित कर दिया है। राकांपा की ओर से अब प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार सहित नौ विधायक और गुजर को निलंबित किया जा चुका है।
शरद पवार ने समय पर नहीं लिया निर्णय
हालांकि, राकांपा के राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने मंगलवार को मीडिया में दावा किया है कि 2022 में ही राकांपा के 51 विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की सहमति दी थी, लेकिन शरद पवार ने समय पर निर्णय नहीं लिया। इसी वजह एकनाथ शिंदे समूह को सत्ता में शामिल होने का अवसर मिल गया था। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि विधायकों का उनके क्षेत्र में काम करने के लिए सत्ता में रहना जरूरी है, इसी वजह से उन्होंने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है।