सरकारी डाक्टरों की प्रायवेट प्रेक्टिस पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
सरकारी डाक्टरों की प्रायवेट प्रेक्टिस पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

सरकारी डाक्टरों की प्रायवेट प्रेक्टिस पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

रतलाम, 06 दिसम्बर (हि.स.)। शहर की बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं, कोविड-19 की बढ़ रही मृत्युदर तथा कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे आंकड़ों पर चिंता करते हुए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें जिला चिकित्सालय की व्यवस्था में सुधार कर जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कालेज के चिकित्सकों के प्रायवेट प्रेक्टिस पर रोक लगाने की मांग की है। वरिष्ठ पत्रकार रितेश मेहता ने रविवार को मुख्यमंत्री को इस आशय का पत्र लिखा है, जिसकी प्रतिलिपि प्रमुख सचिव चिकित्सा-शिक्षा विभाग तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को भी भेजी है। उन्होंने बताया कि जिले में कई निजी प्राईवेट डाक्टरों के क्लिनिक बिना किसी अनुमति के बेधड़क संचालित हो रहे हैं, यहां पर कोविड-19 प्रोटोकाल का भी लगातार उल्लंघन किया जा रहा है, साथ ही यहां पर बैठे बिना डिग्री धारी झोलाछाप डाक्टर आमजनता के स्वास्थ्य से लगातार खिलवाड़ कर रहे है, जिस कारण से कोविड-19 की मृत्युदर में भी काफी इजाफा हो रहा है और संक्रमण की दर भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। मेहता ने कहा कि जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कई बार मौखिक रुप से बताने के बाद भी इन कुकुरमुत्तों की तरह पैदा होते है पालीक्लिनिको पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से जिला चिकित्सालय के डाक्टरों को भी प्राइवेट प्रैक्टिस करने की खुली छूट दे रखी हो ऐसा प्रतीत होता है। उन्होंने पत्र में बताया कि रतलाम शहर के एकमात्र जिला चिकित्सालय के आधे से ज्यादा डाक्टर निजी तौर पर प्रेक्टिस कर रहे हैं, कई डाक्टरों ने अपना निजी क्लिनिक और हास्पिटल भी शहर में खोल रखा है, कई तो दवाई दुकानों के अंदर खुले निजी पोलीक्लिनिकों पर बेधड़क मरीजों का इलाज करते देखे जा सकते हैं, मरीजों को अस्पताल से अपने निजी अस्पतालों तक ले जाया जाता है, जहां अनाप-शनाप पैसा वसूल कर मरीजों की जान सांसत मे डाल दी जाती है, जांच के नाम पर भी बैचारे मरीजों की जेब खाली हो जाती है। बमुश्किल शहर को एक सौगात मेडिकल कालेज के रुप में मिली, लेकिन वहां के डाक्टर भी निजी प्रैक्टिस में ज्यादा विश्वास रखते है और लगातार कर भी रहे है। मेहता ने पत्र में निवेदन किया कि राजधानी से ही एक टीम बनाकर रतलाम भेजे और वास्तविक सत्यता का पता लगाकर कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर भी कार्यवाही हो सकें और भविष्य में कोई भी बिना अनुमति के प्राइवेट निजी क्लीनिक खोलने के पहले कई बार विचार करें। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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