राशन दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड चावल बांटने पर आयोग ने लिया संज्ञान
राशन दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड चावल बांटने पर आयोग ने लिया संज्ञान

राशन दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड चावल बांटने पर आयोग ने लिया संज्ञान

भोपाल, 03 सितम्बर (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बालाघाट और मण्डला जिले में सरकारी राशन की दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड का चांवल बांटे जाने पर संज्ञान लिया है। इस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग, तथा प्रबंध संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से रिपोर्ट तलब की है। मानव अधिकार आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राशन दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड चावल बांटे जाने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुये दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद बीते बुधवार की शाम को इस कृत्य के लिये जिम्मेदार बालाघाट के क्वालिटी कंट्रोलर की सेवाएं समाप्त कर दी हैं और जिला प्रबंधक को सस्पेंड कर दिया गया है। मिलर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पोल्ट्री ग्रेड का चांवल लोगों को बांटे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिस चांवल का वितरण किया गया, वो मनुष्यों के खाने लायक नहीं था। यह इंसानियत व मानवता को तार-तार करने वाला होकर एक आपराधिक कृत्य है। इस मामले में जो भी दोषी है, उनपर कड़ी कार्यवाही की जाये। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा है कि मामले की गहनता से जांच करवाई जायेगी, इसमें जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जायेगा। इस बारे में प्रकाशित खबर पर आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी ने संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग, तथा प्रबंध संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से एक माह में निम्न बिन्दुओं पर स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है:- (1) मानव उपयोग के अयोग्य पाया गया ऐसा चावल बालाघाट और मण्डला जिले की राशन की कितनी दुकानों से कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया ? (2) ऐसा चावल खाने योग्य न पाये जाने के पश्चात् हितग्राहियों को बांटें गये ऐसे चावल को वापस प्राप्त करने की क्या कार्यवाही की गई है ? (3) ऐसे हितग्राहियों को उक्त चावल के स्थान पर मानव उपयोग योग्य चावल वितरित किये जाने की क्या व्यवस्था की गई है ? (4) क्या मानव उपयोग के अयोग्य पाये गये ऐसे चावल का हितग्राहियों में से कुछ के द्वारा या सभी के द्वारा उपयोग किया गया है ? यदि हां, तो उनके स्वास्थ्य की जांच करते हुए इस संबंध में क्या परिस्थिति पायी गई है ? (5) मानव अधिकारों के उल्लंघन और गंभीर आपराधिक कृत्य के ऐसे मामले में प्रथम दृष्टया किन-किन व्यक्तियों संस्थाओं के पदाधिकारियों को दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है और ऐसी कार्यवाही किस स्टेज तक पहुंची है ? (6) क्या इस संबंध में प्रथम दृष्टया दोषी पायी गये व्यक्तियों के विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है ? यदि हां, तो उससे संबंधित विवरण, प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति भी दी जाये। (7) बालाघाट और मण्डला जिलों में पायी गई ऐसी अनियमितता को देखते मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में वितरित किये जा रहे चावल की गुणवत्ता की जांच के संबंध में सावधानीवश क्या कार्यवाही की गई है ? (8) क्या इसी प्रकार की अनियमितता अन्य जिलों में पायी गई हैं। यदि हां, तो इस संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण भी दिया जाये ? हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in