मंडला: कान्हा पहुंचा साथी की मौत से विचलित राम, वनकर्मी रख रहे नजर
मंडला, 04 दिसम्बर (हि.स.)। अपने साथी बलराम की 27 नवंबर को हुई मौत से विचलित हाथी बलराम गुरुवार को कान्हा टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में पहुंच गया है। हाथी राम को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन टीम को अब तक सफलता नहीं मिली है। जबलपुर में बरगी क्षेत्र के मोहास में 27 नवंबर की सुबह साथी बलराम की करंट से मौत हो गई थी। बलराम की मौत से विचलित हाथी राम दो दिनों तक लापता रहा और वन विभाग की टीम उसकी लोकेशन नहीं ढूंढ पाई थी। इसके बाद मंडला के बीजाडांडी में दो ग्रामीणों पर उसके हमले के बाद पता चला कि वह वहां पहुंच गया है। ग्रामीणों पर हमले के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने उसे रेस्क्यू करने का प्रयास किया था, ताकि उसे कान्हा ले जाया जा सके। लेकिन वन विभाग की टीम तो उसे रेस्क्यू नहीं कर पाई, हाथी राम खुद ही मंडला की तरफ बढ़ने लगा था। मंडला वेस्ट और मंडला ईस्ट का वन क्षेत्र पार करके राम गुरुवार शाम को कान्हा के वन क्षेत्र में पहुंच गया है। स्वास्थ्य की जांच के बाद लेंगे निर्णय हाथी राम को प्रदेश का वन्यजीव संरक्षण विभाग शिफ्ट करना चाहता है, लेकिन उसके लिए उसकी सेहत की जांच जरूरी है। विभाग के संपर्क अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि हमारा प्रयास है कि हाथी राम को ट्रेक्युलाइज करके पहले उसके स्वास्थ्य की जांच की जाए। यह देखा जाए कि उसकी मानसिक स्थिति कैसी है। इसके बाद ही उसके बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। लेकिन जंगल में राम इतनी तेजी से आगे बढ़ जाता है कि अभी तक उसे ट्रेंक्युलाइज नहीं किया जा सका है। विभाग की टीम लगातार हाथी राम का पीछा कर रही है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने की हाथियों की सुरक्षा की मांग नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर द्वारा हाथी बलराम की मौत के बाद प्रमुख सचिव वन को पत्र लिखकर हाथियों की सुरक्षा को पुख्ता करने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश भले ही हाथी रहवास वाला राज्य नहीं है, लेकिन यहां अक्सर ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों से हाथी भटक कर आ जाते हैं। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में हाथियों की सुरक्षा के समुचित इंतजाम नहीं हैं। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in