बिजुरी स्वास्थ्य केन्द्र बना रेफरल सेंटर, तीन चिकित्सकों के जिम्मे दो स्वास्थ्य केन्द
बिजुरी स्वास्थ्य केन्द्र बना रेफरल सेंटर, तीन चिकित्सकों के जिम्मे दो स्वास्थ्य केन्द

बिजुरी स्वास्थ्य केन्द्र बना रेफरल सेंटर, तीन चिकित्सकों के जिम्मे दो स्वास्थ्य केन्द

अनूपपुर, 19 दिसम्बर (हि.स.)। जिले में चिकित्सकों की कमी मरीजों के लिए परेशानी बन गई है। यहां स्वास्थ्य केन्द्र तो खोल दिए गए, लेकिन चिकित्सकों सहित सुविधाओं का अभाव बना रह गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी के उन्नयन की मांग लंबे समय से स्थानीय नागरिकों के द्वारा की जा रही है, लेकिन अब तक इसका उन्नयन नहीं किया गया, जबकि इस स्वास्थ्य केंद्र के ऊपर बिजुरी नगर सहित दर्जनों ग्रामीण क्षेत्र एवं राज नगरीय क्षेत्र की जिम्मेदारी है। राजनगर तथा बिजुरी थाना क्षेत्र के मध्य यह एक ऐसा स्वास्थ्य केंद्र है जो दोनों ही थाना क्षेत्रों में घटित दुर्घटना एवं पोस्टमार्टम का कार्य भी सम्भालता है। लेकिन आश्चर्य यहां पदस्थ किए गए तीन चिकित्सकों के ऊपर दो स्वास्थ्य केन्द्रों की जिम्मेदारी भी थोप दी गई है। जिसके कारण यहां चिकित्सकों की कमी बनती है और विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महीनों से 108 एम्बुलेंस सेवा बंद, रोजाना एक मरीज रेफर बिजुरी स्वास्थ्य केन्द्र में गंभीर बीमारियों के एक भी विशेषज्ञ नहीं है। जिसके कारण यहां गम्भीर मरीजों को तत्काल जिला चिकित्सालय अनूपपुर के लिए रेफर कर दिया जाता है। आंकड़ो के अनुसार प्रतिमाह यहां से लगभग 35-40 मरीजों को रेफर किया जाता है। इसके साथ ही ओपीडी में 60-70 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए पहुंचते हैं। जबकि महीने में 15-20 पोस्टमार्टम भी किए जाते हैं। लेकिन सबसे आश्चर्य यहां गम्भीर मरीजों के लाने और ले जाने कोई शासकी सुविधा उपलब्ध नहीं है। केन्द्र की संचालित 108 आपातकालीन वाहन डेढ़ माह पूर्व दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसका सुधार अबतक नहीं कराया जा सका है। वर्तमान में यहां पर कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीज व परिजन निजी वाहनों से रेफर होकर जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। रात में नहीं होते चिकित्सक वर्तमान में केन्द्र पर तीन चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें एक डॉक्टर को कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सेवा देना पड़ रहा है। इसके बाद भी रात्रि कालीन सेवा में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं होते। ऐसे में यहां भर्ती मरीज भगवान भरोसे रात गुजारते हैं। वहीं ड्रेसर तथा वार्ड बॉय का पद रिक्त होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसकी जानकारी प्रबंधन द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाने के बाद भी अब तक इसकी भरपाई नहीं हो पाई है। बीएमओ कोतमा डॉ. केएल दीवान का कहना है कि कोठी चिकित्सालय में चिकित्सकों की पदस्थापना ना होने के कारण बिजुरी में पदस्थ चिकित्सकों की ड्यूटी वहां लगाई जाती है। रिक्त पद तथा आपातकालीन वाहन की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in