फर्जी नेटवर्थ से जिले की रेत खदान पाने वाले ठेकेदार का ठेका निरस्त
फर्जी नेटवर्थ से जिले की रेत खदान पाने वाले ठेकेदार का ठेका निरस्त

फर्जी नेटवर्थ से जिले की रेत खदान पाने वाले ठेकेदार का ठेका निरस्त

रायसेन, 25 सितम्बर (हि. स.)। प्रदेश में बीते वर्ष रेत खनन के लिये जिलेबार समूह बनाकर रेत के ठेके दिये गये थे। रायसेन जिले की नर्मदा नदी की 56 रेत खदानों की नीलामी की ई-निविदा जारी की गई थी। रेत ठेका प्राप्त करने के लिये टेक्निकल बिड में ठेकेदार द्वारा फर्जी नेटवर्थ के आधार पर जिले का रेत खदान ठेका प्राप्त किया था, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। दरअसल, इस ठेके को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट जबलपुर में रिट पिटिशन याचिकाकर्ता हरगोविंद पुरविया द्वारा दायर की गई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस बीके श्रीवास्तव ने याचिका स्वीकार करते हुए रायसेन जिले की रेत समूह का ठेका प्राप्त करने वाले राजेन्द्र रघुवंशी का ठेका निरस्त करने का आदेश पारित किया। जिले के लिये राजेन्द्र रघुवंशी ने 71 करोड़ से अधिक में रेत खदान समूह का ठेका प्राप्त किया था। उल्लेखनीय है निविदाकर्ताओ द्वारा नेटवर्थ हेतु चार्टेड अकाउंटेन्ट द्वारा प्रमाणित नेटवर्थ निविदा फार्म के साथ अपलोड की थी, जिसमें ठेकेदार राजेन्द्र रघुवंशी द्वारा प्रस्तुत नेटवर्थ प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी के नाम दर्ज संपत्ति को भी दर्शाया गया था। दस्तावेजों की जांच के बाद 71 लाख रुपये नेटवर्थ से कम कर दिये गये। नेटवर्थ गलत होने एवं ठेका प्राप्त करने के लिए नियमों का पालन नहीं होने पर सम्बन्धित का ठेका निरस्त करते हुए खनिज निगम एवं राज्य शासन को तत्काल प्रभाव से जिले की रेत खदानों का आधिपत्य लेने का आदेश पारित किया। हिन्दुस्थान समाचार/नीलेंद्र-hindusthansamachar.in

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