जलमग्न हुआ नापतौल विभाग का दफ्तर, खनिज विभाग की दहलीज भी पहुंचा पानी
जलमग्न हुआ नापतौल विभाग का दफ्तर, खनिज विभाग की दहलीज भी पहुंचा पानी

जलमग्न हुआ नापतौल विभाग का दफ्तर, खनिज विभाग की दहलीज भी पहुंचा पानी

अनूपपुर, 24 अगस्त (हि.स.)। जिले में लगातार हुई बारिश और उपरी इलाकों से निचले क्षेत्रों में भर रहे पानी में जिला मुख्यालय स्थित संचालित दो विभाग पानी के बीच घिर गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग द्वारा 25 लाख 24 हजार की लागत से वर्ष 2012 में तैयार किया गया जिला नापतौल कार्यालय जलमग्न हो गया। कार्यालय का आधा हिस्सा पानी के अंदर समा गया है। जबकि पास ही खनिज विभाग की दहलीज भी पानी पानी हो गया है। इसके कारण अधिकारियों व कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई 2014 से संचालित जिला नापतौल विभाग अबतक सड़क से बेजार रही, लेकिन इस वर्ष सांसद निधि से 12.5 लाख की लागत से एप्रोज मार्ग तैयार किया गया था। लेकिन आश्चर्य पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरिंग में तैयार यह लाखों की सड़क भी जल समाधि ले ली है। जिसके बाद यह चर्चाओं का विषय बन गया है कि आखिर लाखों की सड़क का सिर्फ सामान्य आवाजाही या पानी से बचाव के लिए बनाया गया था। अगर ऐसी ही स्थिति बनती है तो पूर्व में भी दोनों विभाग बारिश के माह में पानी से भर जाते रहे हैं। विदित हो कि दोनों विभाग सोननदी से सटे निचले स्थान पर बनाए गए हैं। जहां जिले की प्रतिमाओं को विसर्जित करने स्थायी कुंड भी बनाया गया है। इसके कारण कलेक्ट्रेट सहित आसपास के क्षेत्रों के पानी का जमाव इसी क्षेत्र में होता है। लेकिन अधिक बारिश होने पर यह हिस्सा उफान भरते हुए आसपास के उपरी क्षेत्रों को अपने आगोश में ले लेती है। इसमें खनिज विभाग, और नापतौल विभाग की बिल्डिंग का कुछ हिस्सा पानी में डूब जाता है। यह स्थिति प्रतिवर्ष बनती रही है। लेकिन पानी निकासी का स्थायी निराकरण नहीं हो सका है। खनिज अधिकारियों का कहना है कि अगर गड्ड़े से नदी के बीच नाला बनाकर पानी निकासी का प्रयास किया जाता है तो इससे मिट्टी कटाव के साथ भवन को अधिक नुकसान पहुंचेगा। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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