गांवों में सिंचाई की सुविधा बढ़ाने का प्रयास किया जाएंगेः खाद्य मंत्री
गांवों में सिंचाई की सुविधा बढ़ाने का प्रयास किया जाएंगेः खाद्य मंत्री

गांवों में सिंचाई की सुविधा बढ़ाने का प्रयास किया जाएंगेः खाद्य मंत्री

अनूपपुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। यह जिला एक कृषि प्रधान जिला है और जब तक यहाँ के किसान खुशहाल नहीं होंगे, तब तक जिले का विकास नहीं होगा। मेरा पूरा प्रयास होगा कि गांवों में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो, ताकि किसान खुशहाली की ओर कदम बढ़ा सकें। यह बात शुक्रवार को ग्राम पंचायत हर्री में आयोजित किसान सम्मेलन के मुख्य अतिथि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहीं। इस दौरान गांव के सरपंच एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद को निर्देश दिए कि गांव के जो आदमी गरीब एवं असहाय हैं, उनका सर्वे कराया जाये और उनके गरीबी रेखा के कार्ड बनवाएं जाएं, ताकि उनको एक रुपये किलो की दर से गल्ला दिया जाये। उन्होंने भरोसा दिया कि ग्राम हर्री, बर्री, भगतबांध, सिवनी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। खाद्य मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में सरकार ने ऐसे प्रावधान किए हैं कि अगर कोई किसान सब्जी लेकर सड़क किनारे दुकान लगाकर उसकी बिक्री की व्यवस्था करता है तो उसको १० हजार रुपये का ऋण दिया जाएगा और इसके अदा करने पर २० हजार रुपये का ऋण दिया जायेगा तथा इसके अदा करने पर ४० हजार रुपये का बिना ब्याज का ऋण दिया जायेगा। साफ शब्दों में कहा कि ऐसे प्रयास किये जायेंगे कि विकास में अनूपपुर जिला पीछे नहीं छूटे। मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया था कि आज सभी मंत्री अपने-अपने जिले के किसी गांव में जाकर किसानों के साथ बैठकर प्रधानमंत्री के उद्बोधन को सुनेंगे। इसलिए आज इस कार्यक्रम में किसानों के साथ शमिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के उद्बोधन से स्पष्ट है कि नई कृषि नीति में किसानों को ऐसी व्यवस्था की गई है कि वे जहां चाहेंगे, वहां अपनी उपज बेच सकेंगे, वह भी अधिक मूल्य मिलने पर। यह उपज वह चाहे मण्डी में बेचे या कहीं और जाकर। उन्होंने आश्वस्त किया कि सोन नदी का पानी कहीं भी स्टोरेज करने के लिए इस्टीमेट बनाकर प्रस्तुत किया जाये, उस पर अमल किया जायेगा। जिले से निकली नदियों पर बांध बनाने की जरूरत जताते हुए कहा कि पानी रोकने के लिए जिले में बांध बनाने के पूरे प्रयास किए जायेंगे। चोलना में साढ़े छ: करोड़ रुपये की लागत का बांध बनाया जायेगा तथा धनपुरी में साढ़े छ: करोड़ रुपये की लागत का बांध बन रहा है। पड़ौर के पास स्टापडेम बनाकर पानी की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही अन्य स्थानों पर भी बांध बनवाकर सिंचाई सुविधा का विस्तार करने का भरोसा दिलाया। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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