खेलते-खेलते चार किमी दूर पहुंचे मासूम को पेरालीगल वालेंटियर ने परिवार से मिलवाया
खेलते-खेलते चार किमी दूर पहुंचे मासूम को पेरालीगल वालेंटियर ने परिवार से मिलवाया

खेलते-खेलते चार किमी दूर पहुंचे मासूम को पेरालीगल वालेंटियर ने परिवार से मिलवाया

बड़वानी, 28 अगस्त (हि.स.)। जिले के अंजड़ नगर के धान मंडी चौक में छोटा बड़दा पुनर्वास निवासी उत्तम का चार साल का बेटा शुक्रवार को सुबह लगभग 11 बजे खेलते-खेलते घर से लगभग चार किलोमीटर दूर पहुंच गया था। इस बालक को पुन: परिवार से मिलवाने में पेरालीगल वालंटियर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बेटे के घर नहीं मिलने पर उसके माता-पिता चार घंटे तक अपने पुत्र को आसपास इलाके में बदहवास स्थिति में ढूंढते रहे। वहीं चार साल का मासूम चेतन घर से दूर धानमंडी अंजड में घर नहीं पहुंचने और भटक जाने से रो रहा था। जिसके कारण आसपास के लोग व राहगीरो ने थाना विधिक सेवा पेरालिगल वालंटियर को फोन करके लावारिश बच्चे की सूचना दी। सूचना के बाद पेरालिगल वालंटियर सतीश परिहार तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्चे को अपने साथ ले जाकर चाइल्ड लाइन टीम के सदस्यों के साथ उसके पालको को ढूंढते रहे। पालकों का पता नहीं चलने पर परिहार ने सोशल मीडिया पर बच्चे की फोटो शेयर की। जिस पर छोटा बड़दा के चौकीदार चंदन ने उसकी पहचान करते हुये बालक के माता-पिता को बताया। जिस पर पालक के थाने पहुंचने पर बाल कल्याण समिति के मार्गदर्शन में बच्चे को उन्हें सौंपा गया। इस कार्य में अंजड़ थाने के बाल कल्याण अधिकारी ललिता चौहान, विधिक सेवा पेरालिगल वालंटियर सतीश परिहार, चाइल्ड लाइन परियोजना समन्वयक संजय आर्य, रवि राठौड का सराहनीय योगदान रहा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/केशव-hindusthansamachar.in

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